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शराब की आड़ में ओवर रेट का खुला कारोबार


रायपुर। राजधानी रायपुर के रेल्वे स्टेशन स्थित अंग्रेजी शराब दुकान में आबकारी विभाग और दुकान के स्टाफ के साथ मिलकर खरीदारोें को लुटने का काम खुलेआम कर रहे है। यहां पर बियर की कीमत कर्मचारियों ने अपने हिसाब से तय कर रखा है और ग्राहकों की जेब ढीली करने के लिए पूरी तैयारी है। आबकारी विभाग को सख्त निर्देश दिया गया है कि किसी भी दुकान पर अगर ओवर रेट की शिकायत पाई जाती है तो तत्काल प्रभाव से दुकान के स्टाफ को ब्लैक लिस्ट किया जाए, लेकिन यह ब्लैक लिस्ट में डालने का काम संबंधित क्षेत्र के अधिकारियों के पास होती हैं। जो कि वर्तमान में सर्किल अधिकारी को जिम्मेदारी सौंपी गई है मॉनिटरिंग के लिए बावजूद इसके यहां धड़ल्ले से कर्मचारी अपनी जेब भरने में लगे हुए हैं। माना यह जा रहा है कि सर्किल अधिकारी की रजामंदी से यह अवैध काम को अंजाम दिया जा रहा है तो सवाल यह उठता है कि आखिरकार इनपर कार्रवाई करेगा कौन? यह तो वही कहावत चरितार्थ हो रही है जब सैंया भए कोतवाल तो डर काहे का । इस दुकान पर मानकों को दर किनार कर यहाँ पर खुलेआम तय रेट से 10 से 20 रुपए ज्यादा पर शराब और बीयर बेची जा रही है। हमारे कैमरे में स्टेशन रोड स्थित शराब दुकान से बियर की खरीदी की गई तो यहाँ पर 200 रुपय में दी जाने वाली बियर की कीमत 210 रुपये ली गई। नियमनुसार शराब की दुकान पर बिलिंग मशीन तक नहीं लगी है यदि दुकानदार से बिल मंगाते है तो दुकानदार या बहस करने लगते है या गाली गलौज की जाती है। जबकि हर दुकान में बिलिंग मशीन और रेट लिस्ट होना जरुरी है। यह पूरी तरह से नियम के विरुद्ध है बावजूद इसके आलाकमान आंख मूंदे बैठे हैं। मिली जानकारी के अनुसार कई बार विभाग से की गई शिकायत पर भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई और न ही ओवररेटिंग रुकी है। सूत्रों की माने तो आबकारी विभाग की मिली भगत से इस स्टेशन रोड की शराब दुकान में ओवर रेट का काला कारोबार का खेल चल रहा है।
जबकि आबकारी विभाग को सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं, लेकिन विभाग इन सबसे अनजान बना बैठा है। शराब को सरकारी रेट पर न बेच कर ओवर रेट बेचा जा रहा है। यह कार्य शराब दुकान के कर्मचारियों और आबकारी विभाग के अधिकारियों से मिली भगत कर कर रहे हैं। जिसकी वजह से आए दिन सेल्समैन और ग्राहक के बीच दुकानों पर झगड़े हो रहे हैं। जानकारी के मुताबिक़ इस दुकान का प्रभार एक ADO के पास है लेकिन सूत्रों की माने तो ADO साहब के निगरानी के बीच ही पूरा खेल खेला जा रहा है, ऐसे में मिलीभगत को लेकर एक बड़ा सवाल खड़े होता है। अब देखना यह होगा कि यह वीडियो देखने के बाद भी आबकारी विभाग जो इस दुकान का प्रभार देखते है , इन पर कोई कार्रवाई करता है या नहीं।

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