सेंसर बोर्ड ने जानकी नाम पर जताया आपत्ति, सर्टिफिकेट देने से किया इंकार
निर्माता मोहित साहू ने कहा नाम में बदलाव मंजूर नहीं, जाएंगे कोर्ट। प्रमोशन में करोड़ों खर्च के बाद फिल्म के रिलीज डेट बढ़ सकता है आगे।

रायपुर। एन माही फिल्म्स प्रोडक्शन की बहुचर्चित हिंदी फिल्म जानकी -१ के नाम को लेकर पेंच फंस गया है। मुंबई के सेंसर बोर्ड कार्यालय ने फिल्म के टाइटल पर आपत्ति जताया है और प्रोडक्शन द्वारा टाइटल चेंज करने पर ही बोर्ड द्वारा फिल्म को मान्यता प्रमाण पत्र प्रदाय करने की बात कही है, अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि छत्तीसगढ़ के इस पहली हिंदी फिल्म जानकी -1 के टाइटल पर आखिर आपत्ति किस आधार पर लगाई गई है। बता दे कि फिल्म 13 जून 2025 को सात भाषाओं में देश के विभिन्न राज्यों में एक साथ रिलीज होना था, इसके लिए प्रोडक्शन द्वारा व्यापक तैयारियों को लेकर खर्च भी किया जा रहा था, परंतु सेंसर बोर्ड के एकतरफा निर्णय के चलते फिलहाल फिल्म के प्रदर्शन तिथि को टाल दिया गया है। इस संबंध में निर्माता मोहित साहू ने बताया कि फिल्म जानकी -1 के टाइटल में क्या आपत्तिजनक है यह समझ से परे है ना ही बोर्ड द्वारा इस आपत्ति पर कोई स्पष्टीकरण दिया है।
महिला सशक्तिकरण पर बनी हिन्दी फिल्म जानकी भाग-1 त्याग, तपस्या और बलिदान पर हमने फिल्म की कहानी अनुरूप इस फिल्म का टाइटल निर्धारित किया है, इस टाइटल को हटाने का मतलब फिल्म की कहानी का हत्या करने जैसा है, इस फिल्म का टाइटल इससे सटीक कोई दूसरा हो नहीं सकता। मोहित साहू ने कहा कि हमारी प्रोडक्शन इस टाइटल के लिए तटस्थ है भले ही इसके लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़े, हम कोर्ट जाएंगे और बोर्ड की आपत्ति पर संविधान के तहत न्याय के लड़ाई लड़ेंगे। मोहित साहू ने कहा कि बोर्ड का यह तुगलकी फरमान नहीं चलने वाला इससे साबित होता है बोर्ड में कुछ ऐसे लोग बैठे हैं जिनकी नजर में नारी की इज्जत उनका सम्मान कोई मायने नहीं रखता, स्त्री कल भी अग्निपरीक्षा देते रही है और आज भी अपने अस्तित्व के लिए लड़ने कुछ आपत्ति करने गलत मानसिकता वालों के चलते विवश है।