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सारागाँव में क्षेत्र के दूसरे संस्कार केंद्र का शुभारंभ,आदतें ही संस्कार बनती हैं – डॉ पूर्णेंदु सक्सेना


मौजूदा परिवेश में संस्कार का पतन सामाजिक चिंतन का केंद्रबिंदु होना ज़रूरी – गणेश शंकर मिश्रा

सारगाँव, रायपुर। मकर संक्रांति के पावन अवसर पर ग्राम सारागाँव में अंचल के प्रख्यात स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहे स्व पं लखनलाल जी मिश्र की पुण्यस्मृति में सरस्वती संस्कार केंद्र का शुभारंभ प्रांत संघचालक डॉ पूर्णेंदु सक्सेना द्वारा किया गया। क्षेत्र के बच्चों में अच्छे संस्कारों के बीजारोपण के उद्देश्य से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की आनुषंगिक संगठन विद्या भारती द्वारा संचालित इस संस्कार केंद्र में निःशुल्क शिक्षा प्रदान की जाएगी, जिस्में अभिभावक अपने बच्चों को भर्ती कक़रवा सकते हैं।

कस्तूरबा गांधी राष्ट्रीय स्मारक ट्रस्ट, सारागाँव में आयोजित एक गरिमामयी कार्यक्रम में क्षेत्र के दूसरे सरस्वती संस्कार केन्द्र के शुभारंभ पर मुख्य अतिथि डॉ पूर्णेंदु सक्सेना ने सूक्ष्म किंतु रोचक कथा के माध्यम से मौजूद बच्चों और उनके अभीभावकों को संस्कार और आदत के बीच की एकरूपता समझाते हुए सजगता से अच्छी एवं जीवन में उन्नति प्रदान करनेवाली आदतों को अपनाने हेतु प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि सारागाँव और आसपास का क्षेत्र स्वाधीनता से पूर्व से ही एक जागरूक क्षेत्र रहा है ग्राम मूरा और सारागाँव के पश्चात् पवनी और मोहरेंगा ग्रामों में भी संस्कार केंद्र खोले जाने पर हर्ष व्यक्त करते हुए, इस कार्य के सूत्रधार पूर्व वरिष्ठ आईएएस गणेश शंकर मिश्रा की भूरी-भूरी प्रशंसा की और पवित्र सामाजिक मूल्यों के अनवरत प्रवाह की दिशा में इसे प्रेरक कदम बताया।
कार्यक्रम के संयोजक और भाजपा नेता गणेश शंकर मिश्रा ने बताया कि आमतौर पर सामाजिक मूल्यों के प्रति घटती रुचि और युवाओं में हमारे सनातनी विचारों के प्रति कम होती संवेदनशील एक सामाजिक चिंता का विषय है। इसे पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से 4 महीने पहले ग्राम मूरा में उन्होंने अंचल के प्रख्यात स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और उनके पिता पंडित लखनलाल मिश्र जी की स्मृति में और विद्या भारती संस्थान के सहयोग से ऐसा ही एक सरस्वती संस्कार केंद्र प्रारंभ किया। मिश्रा ने कहा कि इस केंद्र में शिक्षा प्राप्त कर रहे बच्चों में बहुत ही कम समय में सुसंस्कार का संचार देखकर अभिभावक बहुत खुश हैं, और यह प्रतिक्रिया आत्मिक संतोष प्रदान करती है। इसी तारतम्य में सारागाँव, पवनी और मोहरेंगा में भी संस्कार केंद्र स्थापित करने की योजना बनी ताकि इन गाँवों के लोग भी इसका लाभ उठा सकें। आईएएस रहे मिश्रा ने बताया की कैसे समाज में सात्विक विचारों का पतन एक पीड़ादायक वास्तविकता है और यदि अब हमने इसे नहीं रोका और आनेवाली पीढ़ियों में नैतिक मूल्यों के प्रस्ति उदासीनता बढ़ने लगेगी। सरस्वती संस्कार केंद्र, सारागाँव के शुभारंभ को एक सामाजिक आव्यशकता बताते हुए नैतिक शिक्षा का केंद्र बताया।

कार्यक्रम का प्रारंभ पारंपरिक ढंग से बच्चों और महिला मंडली द्वारा स्वागत गीत और संस्कृति प्रस्तुति से हुआ जिसके पश्चात् क्षेत्र के 22 प्रतिष्ठित सेवानिवृत कर्मचारियों-अधिकारियों का सम्मान समारोह भी आयोजित हुआ। इस कार्यक्रम में विशिष्ट तौर पर प्रांत सचिव सरस्वती शिक्षा संस्था विवेक सक्सेना भी मौजूद रहे। साथ ही महेश शर्मा,रॉबिन साहू, रामखिलावन वर्मा, प्रेमप्रकाश धीवर, अरविंद सिंह ठाकुर, सुमन देवांगन, दुबे, पुन्नी देवांगन, लेखुराम सेन, जगदीश वर्मा, पुरशोत्तम साहू, छत्तर वर्मा, रिमेश्वरी चंद्राकर, भुवनेश्वरी साहू भी मौजूद रहे और मंच संचालन चंद्रकुमार डडसेना द्वारा किया गया।

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