पीएम आवास में गड़बड़ी, गंगेव सीईओ प्रमोद ओझा पर कार्यवाही की माग तेज,जनपद सीईओ प्रमोद ओझा के संरक्षण में गंगेव में खुलेआम हो रहा भ्रष्टाचार

दिनांक 9 जुलाई 2022 रीवा मध्य प्रदेश।
भ्रष्टाचार के लगातार आरोपों के चलते गंगेव जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रमोद कुमार ओझा को निलंबित किए जाने एवं सीईओ पद से हटाए जाने की मांग तेज हो गई है। पीएम आवास हितग्राहियों से पैसे लेकर भी आवास का निर्माण न होने के कई मामले सामने आ रहे हैं। इस मामले में अभी हाल ही में चौरी ग्राम पंचायत के मथुरा प्रसाद आदिवासी के द्वारा बताया गया है कि उनके आवास से संबंधित पैसा सचिव रोजगार सहायक एवं तत्कालीन सरपंच के द्वारा हजम कर दिया गया और हितग्राही ने बताया कि यह सब प्रमोद ओझा के संरक्षण में हो रहा है। हितग्राही ने बताया कि मामले की गुहार कई बार लगाई गयी लेकिन उसको पैसा नहीं मिला और न ही उनका आवास पूर्ण हो पाया है।
पीएम आवास और कराधान घोटाले में संलिप्तता के चलते प्रमोद ओझा को हटाए जाने की मांग
ज्ञातव्य की है कि इस मामले में सामाजिक कार्यकर्ता शिवानंद द्विवेदी के द्वारा कराधान घोटाले एवं पीएम आवास में हितग्राहियों से पैसे के लेनदेन के मामले और मनरेगा लेबरों का एटीएम कार्ड पंचायत के दलालों द्वारा अपने पास रखे जाने के मामले को लेकर सीईओ जनपद प्रमोद ओझा को गंगेव जनपद से हटाये जाने की माग की है। अभी हाल ही में चौरी ग्राम पंचायत में लगभग 5 से 6 लाख रुपये के बीच में नाला निर्माण के एक मामले को लेकर मिट्टी का प्रतिबंधित कार्य 15 जून के बाद कराए जाने एवं ट्रैक्टर जेसीबी लगाकर रातों-रात काम करवाए जाने के मामले में चौरी ग्राम पंचायत के ग्रामीण लामबंद होकर कार्यवाही की मांग किये जिसके बाद सीईओ जिला पंचायत के द्वारा गंगेव के पीसीओ भारत पटेल एवं सिरमोर एसडीओ जीतेंद्र अहिरवार को भेजकर जांच करवाई गई है लेकिन अब तक जांच प्रतिवेदन नहीं दिया गया है।
मामले को लेकर ग्रामीणों ने कहा है कि जिस प्रकार सीईओ जिला पंचायत स्वप्निल वानखेड़े के आदेशों की भी अवहेलना सीईओ जनपद प्रमोद ओझा के द्वारा की जा रही है इससे साफ जाहिर है कि पूरे मामले में स्वयं सीईओ जिला पंचायत की भी संलिप्तता है अथवा जनपद के सीईओ प्रमोद ओझा किसी के आदेश को मान नहीं रहे हैं। ऐसे में इन्हें तत्काल यहां से वापस निलंबित किया जाकर हटाया जाए।
ब्यूरो रिपोर्ट रीवा
