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अन्य पिछड़ा वर्ग को सभी निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्रों में आबादी के अनुपात में संवैधानिक प्रतिनिधित्व (आरक्षण) प्रदान करें भूपेश सरकार- अधिवक्ता शत्रुहन सिंह साहू

रायपुर: – अखिल भारतीय पिछड़ा वर्ग संघ के राष्ट्रीय महासचिव एवं ओबीसी संयोजन समिति छत्तीसगढ़ के संस्थापक अधिवक्ता शत्रुहन सिंह साहू ने मुख्यमंत्री एवं राज्यपाल को पत्र लिखकर सेवा,शिक्षा और सभी निजी एवम सार्वजनिक क्षेत्रों में अन्य पिछड़ा वर्ग को आबादी के आधार पर समानुपातिक संवैधानिक प्रतिनिधित्व (आरक्षण) विधानसभा में पारित कर राज्य में लागू करने की मांग किया है। उन्होंने सरकार का ध्यान अपनी मांगों की आकृष्ट करते हुए कहा है कि भारत सरकार द्वारा अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को 27 प्रतिशत संवैधानिक प्रतिनिधित्व (आरक्षण) लागू होने के बाद भी लगभग 52-56 प्रतिशत आबादी वाले छत्तीसगढ़ राज्य में गैर संवैधानिक तरीके से मात्र 14% प्रतिनिधित्व (आरक्षण) ही दिया जा रहा है , जबकि तमिलनाडू, कर्नाटक व केरल जैसे राज्यों में अन्य पिछड़ा वर्ग को जनसंख्या के अनुपात में क्रमशः 50, 49 व 40 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था लागू है |

श्री साहू जी ने आगे कहा है प्रदेश सरकार द्वारा की जा रही क्वांटिफायबल डाटा के अंतरिम आंकड़ों के अनुसार भी राज्य सरकार के पास मौजूद ओबीसी की लगभग 45 प्रतिशत आंकड़े के आधार पर भी इसे अधिसूचित कर तमिलनाडू, कर्नाटक व केरल जैसे राज्यों की भांति दिनॉक 1 दिसम्बर 2022 से आयोजित विशेष विधानसभा में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए जनसंख्या के अनुरूप 27 से 45 प्रतिशत आरक्षण पारित कर लागू करने का आग्रह किया है, और यदि क्वांटिफायबल डाटा कमीशन की आंकड़ा आने में विलंब है तो भी भारत सरकार द्वारा प्रावधानित 27 प्रतिशत आरक्षण को तत्काल विधान सभा में पारित कर लागू कर सकते है।

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