Gujarat Assembly Elections 2022: ‘आप’ से किसको नुकसान ? क्यों है भाजपा कांग्रेस में घबराहट!

मिहिर कुर्मी

गुजरात में 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को भाजपा से लगभग सात प्रतिशत कम वोट मिले थे। 182 सदस्यों वाले सदन में सीटों का अंतर भी मात्र 22 था। गुजरात में भाजपा सात बार से लगातार जीतती आ रही है। बीच के एक-दो वर्ष को छोड़ दें तो राज्य की सत्ता के लिए 1995 से ही भाजपा की मुख्य लड़ाई कांग्रेस के साथ होती रही है। पिछली बार भी दोनों राष्ट्रीय दलों के बीच कड़ा मुकाबला था। वोट प्रतिशत में अंतर महज 8 प्रतिशत के आसपास था। 49.1 प्रतिशत वोटों के साथ भाजपा को 99 सीटें और 41.4 प्रतिशत वोटों के साथ कांग्रेस को 77 सीटें मिली थीं। हालांकि बाद के उपचुनावों में भाजपा की सीटें बढ़ाकर 111 और कांग्रेस की घटाकर 66 ही रह गईं हैं।
2022 का चुनाव है खास :
इस बार दोनों के बीच तीसरे खिलाड़ी के रूप में आम आदमी पार्टी का प्रवेश हो गया है। दिल्ली और पंजाब से कांग्रेस का सफाया करने के बाद आप की कोशिश गुजरात में भी पांव पसारने की है। गोवा में भी ऐसा ही प्रयास हुआ था, मगर उसे आंशिक सफलता ही मिल सकी थी। दिल्ली-पंजाब की सफलता को कांग्रेस के संदर्भ में देखने से स्थिति स्पष्ट हो जाती है कि अभी तक आप को उन्हीं राज्यों में सफलता मिली है, जहां कांग्रेस की सरकार थी।
अरविंद केजरीवाल को गुजरात में आम आदमी पार्टी की ज्यादा संभावनाएं दिख रहीं हैं। इसलिए केजरीवाल कई दिनों से गुजरात का लगातार दौरा कर रहें हैं और दिल्ली और पंजाब के कार्यों के आधार पर ‘आप’ का गारंटी कार्ड भी आम जनता को बांटा जा रहा है। यही कारण है कि कांग्रेस की तुलना में भाजपा पर ज्यादा हमलावर हैं। आम आदमी पार्टी अपना मुख्य प्रतिद्वंद्वी भाजपा को बता रही है। इस प्रयास में भाजपा पर तीखे हमले किए जा रहे हैं जो अंतत: कांग्रेस के लिए नुकसान का कारण तो बन सकता है।
विदित हो कि गुजरात में 27 साल से भाजपा का शासन है और जो गुजरात मॉडल दिखाया जाता है उसकी खामियों को शायद आप समझ चुकी है अब देखना होगा की क्या आप और कांग्रेस नाराज गुजरात की जनता का भरोसा जीत पायेगी?