छत्तीसगढ़प्रमुख खबरें

कबड्डी के खेल के दौरान हुई युवक की मौत ,सड़क पर युवक की लाश रखकर किया चक्का जाम,भाजपा नेता ओपी चौधरी , उमेश अग्रवाल ,अरुणधर दीवान की प्रतिक्रिया

मांगों को लेकर अड़े रहे परिजनों के साथ भाजपाई,पुलिस और प्रशासन को खूब बहाना पड़ा पसीना…!!


नेताओं की बयानबाजी काबिले तारीफ या सिर्फ राजनैतिक चमकाने का हथकंडा??…

रायगढ़:- छत्तीसगढ़ी ओलंपिक की धूम पूरे प्रदेश में मची हुई है गांव गांव के विलुप्त होती खेलो को सजाने के काम भुपेश सरकार कर रही है इसी बीच घरघोडा के ग्राम भालुमार में कबड्डी खेलने के दौरान चोट लगने से एक युवा खिलाड़ी की मौत हो गई । युवा खिलाड़ी की मौत पर घरघोडा क्षेत्र के आदिवासी नेता भाजपा नेता राधेश्याम राठिया , संतोष राठिया के द्वारा परिजनों के साथ मिलकर घरघोडा रायगढ़ मुख्य सड़क पर चक्का जाम किया गया था मृतक परिजनों के द्वारा 50 लाख रुपये मुवावजे के साथ नौकरी की मांग की गई । जिसमे भाजपा नेता अरूण धर दीवान , नगर पंचायत अध्यक्ष शिशु सिन्हा , नगर पंचायत अध्यक्ष , प्रदेश अध्यक्ष अल्पसंख्यक मोर्चा शकील अहमद सहित सैकड़ों की संख्या में भाजपा कार्यकर्ता जाम में शामिल रहे । जाम को हटाने के लिए स्थानीय प्रशासन और पुलिस को कड़ी पसीना बहाना पड़ा है ।

वही भाजपा नेताओं ने अपनी अपनी प्रतिक्रिया मीडिया के माध्यम से रखी है।

खिलाड़ी की मौत पर पचास लाख का मुआवजा व नौकरी देने के खिलाडी की मौत सुविधाओं के अभाव में हुई है तो जाँच करने के साथ दोषियों पर एफआईआर दर्ज करने के साथ कठोर की मांग की गई है – ओपी चौधरी प्रदेश महामंत्री भाजपा

छत्तीसगढ़ी ओलंपिक में ठंडा राम की मौत के लिए बद इंजामी अव्यवस्था की भेट चढ़ाने का आरोप लगाते हुए 50 लाख का मुआवजा सहित परिजन को नौकरी देने व मामले की निष्पक्ष जांच करते हुए दोषियों पर कार्यवाही की मांग की हैं। उमेश अग्रवाल , जिला भाजपा अध्यक्ष

आधी अधुरी तैयारी व खराब सड़कों के कारण युवक खिलाड़ी की मौत हुई है । उत्तर प्रदेश की तरह मृतक परिजनों को 50 लाख का मुवावजा देने की मांग की है – अरुण धर दीवान भाजपा नेता

बताना चाहेंगे की जिस तरह से खिलाड़ी के मौत पर भाजपा के अलग अलग नेताओं के द्वारा मौत पर बयान जारी किया जा रहा है जो काबिले तारीफ है । परंतु केंद्र के भाजपा सरकार द्वारा रेल्वे की व्यवस्था को पूरी ठप्प कर दी गई है लोग पूरी तरह परेशान है उसे लेकर भाजपा के नेताओं द्वारा बयान जारी नही किया जाना दुखद है । तो यह कह सकते है नेताओं के बयान जनहित के लिए होते है या अपनी नेतागिरी चमकाने के लिए है निर्णय पाठकों पर छोड़ते है ।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button