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दिनकर अन्तर्राष्ट्रीय काव्य महोत्सव 22 में उर्मि द्वारा मंच संचालन एवं कविता पाठ,देश हित बड़ा योगदान दीजिए-उर्मि

राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर जी की जयंती के उपलक्ष्य में गृहस्वामिनी अन्तर्राष्ट्रीय द्वारा स्ट्रीमयार्ड स्टूडियो में आयोजित 10 दिवसीय ऑनलाइन अंतरराष्ट्रीय काव्य महोत्सव २२ में 26/9/22 को विदुषी साहित्यकारों द्वारा दिनकर, जी का पुण्य स्मरण और अत्यंत सराहनीय कविता पाठ किया गया । । गृहस्वामिनी की नेशनल एम्बैसडर उर्मिला देवी उर्मि ने बताया कि सोमवार को प्रसारित कड़ी में उनके साथ डॉ. कमल वर्मा , आभा बघेल, किरण बिन्नानी , संघमित्रा राएगुरु और आशा आजाद कृति ने अपनी अपनी श्रेष्ठ कविताओं पर खूब वाह वाही प्राप्त की । कार्यक्रम के प्रभावशाली मंच संचालन का शुभारंभ उर्मिला देवी उर्मि ने दिनकर जी की ही इन पंक्तियों से किया..
नरता का आदर्श तपस्या के भीतर पलता है ।
देता वही प्रकाश आग में जो अभीत जलता है ।

उर्मि की ओजस्वी पंक्तियों ने कुछ इस प्रकार आह्वान किया..

भय, भूख , भ्रष्टाचार देश में दिखें ना कहीं ।
इसी हेतु सार्थक प्रयास नित कीजिए ।
पूरा विश्व भारत को महाशक्ति मान लेवे ।
देश का स्तर इतना ऊंचा कर दीजिए ।

मेरे देश वासियों ! समर्थ सक्षम साथियों,
देशहित बड़ा योगदान अब दीजिए ।

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर जी की जयंती पर आयोजित 10 दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय काव्य महोत्सव में देश विदेश के 90 कवि/ कवयित्रियों ने दिनकर जी को स्मरण एवं नमन करते हुए अपनी रचनाओं की प्रस्तुति दी।

डॉ.कमल वर्मा ने पुत्रियों पर पंक्तियां पढी ..
साज है बेटी, सोज नहीं, दरख़्त है, कोई बोझ नहीं ।

आभा बघेल ने बूढ़े बरगद के माध्यम से संदेश दिया ।

किरण बिनानी ने राह में देखे एक खौफनाक मंजर को इस प्रकार अभिव्यक्ति दी
कल राह में मंजर देखा खौफनाक और बड़ा दर्दनाक ।
संघमित्रा राए गुरु ने आदमी की बदलती हुई फितरत को इस प्रकार शब्दों में पिरोया
आदमी आदमी हर तरफ आदमी..आदमी की भीड़ में कहां है आदमी ।

और आशा आजाद ने “अहंकार का वृक्ष लगाया सींचा उसको शान से ” कविता के द्वारा अहंकार के वृक्ष के नुकसान बताए ।

गृह स्वामिनी अन्तर्राष्ट्रीय की संपादक अर्पणा सिंह ने सभी के प्रति आभार व्यक्त कर आगामी काव्य महोत्सव की जानकारी दी ।

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