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रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा का बार बार टॉयलेट साफ करने का वीडियो वायरल करना एक ढोंग और वास्तविक मुद्दों से ध्यान भटकाने का प्रयास – शिवानंद द्विवेदी

दिनांक 23 सितंबर 2022 रीवा। मध्य प्रदेश रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा का हाल ही में एक और वीडियो वायरल हुआ जिसमें वह नंगे हाथ बिना मुंह में मास्क लगाए बिना किसी सुरक्षा के टॉयलेट की सफाई करते हुए नजर आ रहे हैं और वह शायद जनता को संदेश दे रहे हैं कि लोग टॉयलेट और गंदे स्थानों पर बिना किसी हाइजीनिक सुरक्षा बीमारियों को आमंत्रण देने के लिए जाएं और नंगे हाथों पैरों और बिना मुंह में मास्क लगाए टॉयलेट की सफाई करें।

रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा

इस प्रकार का मामला पहला नहीं है जिसमें जनार्दन मिश्रा टॉयलेट की सफाई करते हुए अपने आप को स्वच्छ भारत का पुरोधा बताने का प्रयास कर रहे हैं। गांधीवादी होना और गांधीवादी होने का ढोंग करना दोनों अलग-अलग बातें हैं। महात्मा गांधी स्वतंत्रता प्राप्ति के पूर्व उस समय टॉयलेट सफाई कोढ़ और स्वच्छता का बीड़ा उठाये जब समाज में यह बड़ी कुरीति थी और मैला ढोने वाले लोगों को अछूत समझा जाता था। लेकिन आज नियम कायदे बन गए हैं, अधिनियम बन गए हैं, और कानून के अंदर दंडात्मक प्रावधान है जहां भेदभाव और छुआछूत फैलाना एक दंडनीय अपराध भी है।

रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा के टॉयलेट सफाई को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता शिवानंद द्विवेदी ने कहा है की रीवा सांसद द्वारा अपने अन्य महत्वपूर्ण कर्तव्यों का निर्वहन न करते हुए जिले में शिक्षा स्वास्थ्य बेरोजगारी भ्रष्टाचार विकास किसानों की समस्याओं और गोवंशों पर क्रूरता जैसे मामलों को संसद में मीडिया में न उठाते हुए बार-बार एक ही तरह का टॉयलेट सफाई करने का वीडियो बनाकर जारी करना इन ज्वलंत मुद्दों पर पर्दा ढकने और ध्यान भटकाने जैसा है और अपने आप को गांधीवादी दिखाने का ढोंग मात्र है। उन्होंने कहा कि गांधीवादी होना और गांधीवादी होने का ढोंग करना दोनों बिल्कुल अलग बातें हैं। यह सर्वविदित है की आर एस एस और भारतीय जनता पार्टी की विचारधारा के लोग महात्मा गांधी को किस दृष्टि से देखते हैं और उन्हें कितना सम्मान करते हैं? सोशल मीडिया में आए दिन इन्हीं संगठनों के नाम का टायर लगाए हुए लोग महात्मा गांधी को ऐसे ट्वीट करते हैं जैसे वह देश के सबसे बड़े दुश्मन हैं।

सरेआम ग्राम पंचायतों में जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है और उसको दबाने के लिए सांसद विधायक पूरी जोर जुगत लगा रहे हैं। यहां तक की सार्वजनिक मंच पर मीडिया के समक्ष यही रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा ने ग्राम पंचायत के सरपंचों को भ्रष्टाचार करने की 15 लाख रुपए तक की खुली छूट दे रखी थी। वहीं दूसरी तरफ कुछ विधायकों द्वारा ग्राम पंचायतों में कमीशन खोरी का खेल खेला जा रहा है और आने वाली भ्रष्टाचार की जांचों को उच्च अधिकारियों पर दबाव देकर दबाया जा रहा है। अभी हालिया उदाहरण सिरमौर जनपद क्षेत्र में मुख्य कार्यपालन अधिकारी के ऊपर हुए हमले के दौरान वह ऑडियो वायरल हुआ था जिसमें सिमरिया क्षेत्र के विधायक केपी त्रिपाठी के द्वारा सथिनी ग्राम पंचायत की जांच को कमिश्नर कार्यालय में दबाने की बात कही गई थी और दूसरा सबूत तब सामने आया जब जनपद पंचायत गंगेव की सेदहा और चौरी ग्राम पंचायत की जांच को सिरमौर के भाजपा विधायक दिव्यराज सिंह के द्वारा विधिवत लिखित पत्र जारी कर प्रभावित करने का प्रयास किया गया। ऐसे में अब जनता भी जान रही है कि आने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनावों के यह पैंतरे मात्र हैं जिसमें जनता की सहानुभूति हासिल करने का एक बार फिर झूठा प्रयास भारतीय जनता पार्टी के विधायकों और सांसदों के द्वारा किया जा रहा है। अब यह तो जनता भी जानती है कि पूरे देश में मुद्दों की स्थिति क्या है? वास्तविक मुद्दे शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, सुरक्षा, भ्रष्टाचार से मुक्ति, विकास जैसे गंभीर मुद्दे भारतीय जनता पार्टी की सरकार के एजेंडे में अब बचे ही नहीं है।

तो अब बड़ा सवाल यह भी है कि क्या अब टॉयलेट सफाई के नाम पर वीडियो वायरल करने से जनता को गुमराह किया जा सकता है? लोकतंत्र में लोकतंत्र की वास्तविक बेगम और बादशाह जनता सब कुछ जानती है और सब देख रही है। कहां कितनी सच्चाई है यह जनता को बताने की जरूरत नहीं है।

स्पेशल ब्यूरो रिपोर्ट रीवा मध्य प्रदेश

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