छत्तीसगढ़प्रमुख खबरें

कैट ने जीएसटी के शिकायत निवारण समिति की बैठक में जीएसटी के सरलीकरण एवं विसंगतियों को दूर करने हेतु सुझाव दिये

ई-इन्वॉइसिंग की स्थिति में खरीददार को इनपुट अनिवार्य रूप से मिलना चाहिए एवं धारा 126 का विस्तार कर धारा 73 को शामिल करना चाहिए - कैट

 

रायपुर। देश के सबसे बड़े व्यापारिक संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय वाइस चेयरमैन एवं राष्ट्रीय व्यापारी कल्याण बोर्ड (भारत सरकार) के सदस्य श्री अमर पारवानी, छ.ग. इकाई के चेयरमेन श्री जितेन्द्र दोशी, श्री विक्रम सिंहदेव, छ.ग. इकाई के अध्यक्ष श्री परमानंद जैन, महामंत्री श्री सुरेन्द्र सिंह एवं कोषाध्यक्ष श्री अजय अग्रवाल ने बताया कि कॉन्फ्रेंस हॉल, नया सर्किट हाउस, सेक्टर-24, नवा रायपुर अटल नगर में आयोजित राज्य स्तरीय शिकायत निवारण समिति की बैठक में कैट ने जीएसटी के सरलीकरण एवं विसंगतियों को दूर करने हेतु सुझाव दिये।

कैट के राष्ट्रीय वाइस चेयरमेन एवं राष्ट्रीय व्यापारी कल्याण बोर्ड (भारत सरकार) के सदस्य श्री अमर पारवानी ने बताया कि राज्य स्तरीय शिकायत निवारण समिति (जीआरसी) की बैठक संपन्न हुई। जिसमे विभिन्न व्यापारिक-औद्योगिक संगठनो एवं पदाधिकारियों से प्राप्त सुझावों को लेकर कैट का एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रिंसीपल कमिश्नर, (सेन्ट्रल जीएसटी, भोपाल, मध्यप्रदेश) श्री मानस आर. मोहंती जी, मुख्य आयुक्त (कस्टम, केंद्रीय उत्पाद शुल्क, केंद्रीय जीएसटी) श्री पराग चकोर बोरकर जी, एवं राज्य जीएसटी आयुक्त, श्री पुष्पेन्द्र कुमार मीणा जी से मिलकर कैट ने जीएसटी के सरलीकरण एवं विसंगतियों को दूर हेतु सुझाव दिये जो निम्नानुसार है :-

1. एचएसएन कोड मानकीकरण।
2. कम्पोजीशन डीलर टर्नओवर सीमा में वृद्धि।
3. सर्विस प्रोवाइडर के लिए अग्रिम राशि पर जीएसटी सर्विस प्रोवाइडर की स्थिति में प्राप्त अग्रिम राशि पर जीएसटी के दायित्व को हटाया जाना चाहिए।
4. जीएसटीआर-3बी में संशोधन की सुविधा ।
5. वार्षिक रिटर्न (जीएसटीआर-9) में सुधार ।
6. जीएसटीआर-2बी के आधार पर इनपुट टैक्स क्रेडिट मान्य होना।
7. नियम 86बी – इनपुट टैक्स क्रेडिट को 99 प्रतिशत तक सीमित करना।
8. प्रारंभिक वर्षों से छूटा हुआ इनपुट टैक्स क्रेडिट।
9. विलंबित अपील और लंबित रिटर्न के लिए एम्नेस्टी।
10. अंतर्राज्यीय माल रोकने की अपील संबंधी समस्या।
11. मल्टी-ट्रेडर ट्रक रोकने की समस्या ।
12. ई-इन्वॉइसिंग की स्थिति में खरीददार को इनपुट अनिवार्य रूप से मिलना चाहिए।
13. ई-वे बिल जेनेरेशन प्रतिबंध।
14. धारा 149 का क्रियान्वयन – जीएसटी अनुपालन रेटिंग।
15. धारा 126 का विस्तार कर धारा 73 को शामिल करना।
16. धारा 16(2) खरीददार-विक्रेता भुगतान प्रावधानों को हटाना।

जीआरसी मिटिंग में कैट एवं युवा कैट के पदाधिकारी मुख्य रूप से उपस्थित रहे :- अमर पारवानी, परमानन्द जैन, सुरिन्द्रर सिंह, राकेश ओचवानी, राजेन्द्र खटवानी, प्रीतपाल सिंह बग्गा, रौनक पटेल, गिरीश पटेल, बलराम रोहरा, लीगल एवं तकनीक टीम से सीए किशोर बरडिया सहित अन्य सदस्य प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

Related Articles

Back to top button