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महाअष्टमी पर मिठाई या खीर नहीं…इस मंदिर में देवी मां को लगाया जाता है शराब का भोग, जानिए कहां है ये मंदिर

सच तक इंडिया रायपुर उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में ऐसी कई परंपराएं हैं, जो आज भी बरकरार हैं.चैत्र नवरात्रि की अष्टमी को राजा विक्रमादित्य के समय शुरू हुई परंपरा को वर्तमान में भी उसी तरह निभाया जा रहा है. यह परंपरा भी काफी अनूठी है. चैत्र नवरात्रि कि अष्टमी को यहां माताजी का विधि विधान से पूजन हुआ.

मान्यता है कि चैत्र नवरात्रि की अष्टमी को देवी मंदिरों में शराब का भोग लगाने से शहर में महामारी के प्रकोप नहीं रहता. लगभग 27 KM लंबी इस महापूजा में 40 मंदिरों में शराब चढ़ाई जाती है.

महाष्टमी पर सुबह 8 बजे 24 खंभा माता मंदिर पर माता को शराब का भोग लगाकर यात्रा प्रारंभ हुई. नगर पूजा में निरंजनी अखाड़े व सभी अखाड़ों के संत, महंत शामिल हुए. चैत्र नवरात्रि में नगर की सुख शांति के लिए यह परंपरा निभाई जाती है.यात्रा जैसे ही प्रारंभ हुई नगर वासियों ने जमकर फूल बरसाए. साथ ही यहां महामंडलेश्वर मन्दाकिनी पूरी को मुस्लिम समुदाय के लोगों ने साफा पहना कर इस यात्रा का स्वागत किया गया.

इस यात्रा मे जमकर समाज जन शामिल हुए. यह यात्रा अनेक देवी व भैरव मंदिरों में पूजा करते हुए चलेंगे. नगर पूजा में 12 से 14 घंटे का समय लगेगा. रात करीब 9 बजे गढ़कालिका क्षेत्र स्थित हांडी फोड़ भैरव मंदिर में पूजा-अर्चना के साथ नगर पूजा संपन्न होगी.

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