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छत्तीसगढ़ कोल स्कैमः स्पेशल कोर्ट ने 11 दिन बढ़ाई सभी आरोपियों की न्यायिक रिमांड, अब इस दिन होगी पेशी…

सच तक इंडिया रायपुर छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित कोयला घोटाला मामले में गिरफ्तार निलंबित IAS रानू साहू और पूर्व CM भूपेश बघेल की उप सचिव रही सौम्या चौरसिया समेत 11 आरोपियों को सोमवार को रायपुर में ACB/EOW की स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया। मामले में सुनवाई के बाद कोर्ट ने सभी आरोपियों की न्यायिक रिमांड को 11 दिन यानी 12 जुलाई तक के लिए बढ़ा दिया है। इससे पहले सौम्या चौरसिया ने जमानत याचिका लगाई थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है।

बता दें कि राज्य आर्थिक अपराध ब्यूरो (EOW) ने 18 जून को इस मामले से जुड़े 5 अन्य लोग मोइनुद्दीन कुरैशी, रोशन कुमार सिंह, पारेख कुमार कुर्रे, राहुल कुमार सिंह और मोंटू उर्फ वीरेंद्र कुमार जायसवाल को गिरफ्तार किया है। इन सभी पर आरोप है कि ये पांचों आरोपी जेल में बंद कारोबारी सूर्यकांत तिवारी के लिए रायपुर, कोरबा, सूरजपुर में रहकर कोल लेवी का काम करते थे। यह घोटाला कांग्रेस सरकार के दौरान हुआ था। प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद ईडी ने ईओडब्ल्यू में FIR दर्ज कराई है। ED ने छत्तीसगढ़ में 570 करोड़ रुपये के कोयला घोटाला का खुलासा किया था।

ऑनलाइन परमिट को ऑफलाइन किया

बता दें कि छत्तीसगढ़ में ED ने अवैध कोल लेवी वसूली का खुलासा किया था। ED का दावा है कि खनिज विभाग के तत्कालीन संचालक IAS समीर बिश्नोई ने 15 जुलाई 2020 को आदेश जारी कर कोल परिवहन में ऑनलाइन परमिट को ऑफलाइन कर दिया था, जिससे व्यापारियों से वसूली की जा सके। वहीं इस घोटाले का मास्टरमाइंड कोल व्यापारी सूर्यकांत तिवारी को माना गया है। ED के अनुसार निलंबित उपसचिव सौम्या चौरसिया से इन्हें संरक्षण मिलता था।

25 रुपये प्रति टन कोल लेवी की वसूली

ED के मुताबिक सूर्यकांत तिवारी ने 25 रुपये प्रति टन के हिसाब से अवैध रकम वसूलने के लिए एक सिंडिकेट बनाया था। व्यापारियों से अवैध रकम वसूलने के बाद ही उन्हें खनिज विभाग से पीट पास और परिवहन पास जारी किए जाते थे। इस मामले की जांच एसीबी-ईओडब्ल्यू द्वारा की रही है। इस मामले में सौम्या चौरसिया के अलावा सूर्यकांत तिवारी, कोल वॉशरी संचालक सुनील अग्रवाल, IAS समीर बिश्नोई, IAS रानू साहू सहित कई आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

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