शिल्पकला को बढ़ावा देने प्रदर्शनी एवं प्रशिक्षण का आयोजन
रायपुर। माटी के रंग भारतीय संस्कृति के साथ देश की परम्परागत शिल्प परम्परों का मेला विलुप्त हो रही है बुनकर शिल्प हमारी संस्कृती धरोहर को बनाये रखने देश के सिलहस्त शिल्पकारों / दस्तकारो बुनकरो के सतत काम मिले उनके उत्पदान का उचित दाम मिले उनके आर्थिक समृद्धि एवं खुशहाली हेतु एक छोटा सा प्रयास देश के माटी के रंग. भारतीय संस्कृति के संग के बहुरंगी आयोजन के साथ ही साथ नृत्य संध्या सांस्कृति धार्मिक जागरूकता निर्यात प्रबंधन, कला निर्माण की प्रक्रिया का जीवन एवं जागृत प्रदर्शन एवं विपणन का आयोजन नगर के आकाशवाणी के सामने चर्च ग्राउण्ड में की गई है यह प्रदर्शनी भारतीय संस्कृति एवं कला का जीवन एवं जागत प्रयास है। देश की मिट्टी को नाम मिले हर हाथ को काम मिले काम बहुत शेष हैं करना विशेष है।
शिल्पकारो दस्तकारों बुनकरो को दलालो शोषगफताओं से आजादी दिलाकर उनके सम्मान एवं उनके उत्पाद को उचित दाम दिलाया जाये।
देश एवं प्रदेश के विश्वविद्यालय हस्तशिलियो के उत्त्पादन, बेलमेटला आयरण काफ्ट काष्ठ शिल्प मिट्टी शिल्प कोंडी शिल्प गोडना शिल्प, जड शिशल शिल्प काशीदाकारी बनारसी, कश्मीनी चंदेरी महेश्वरी कोसा, जरी, लखनवी चिकन वर्क बाघ वटीक तथा अन्य आकर्षण बहुउपयोगी गृह सजावी कला कृतियों उचित दामों में रकम शिल्पकारों के हाथो न्यूनतम दामो पर प्राप्त होगी प्रातः 11 बजे से राशि 10 बजे तक प्रति दिवस रंग रंग सांस्कृतिक रामायण महाभारत वेंदिर सनातन संस्कृति एवं बच्चों के मनोरंजन आकर्षण मिले।
ग्रीष्म कालीन अल्पअवधि को प्रशिक्षण एवं शिल्प कला की तकनीकी की बढ़ावा देने के उद्देश्य से संस्था द्वारा 15-15 दिवसीय ग्रीष्मकालीन अल्प अवधि का हस्तशिल्प प्रशिक्षण का आयोजन किया जा रहा है।
गोदना शिल्प बेलमेटका काष्ठ शिल्प टाटूबला पेटिंग पेश शिल्प शिशल,तम्बा शिल्प मिट्टी शिल्प पत्थर शिल्प, मिली चिच प्रशिक्षण हेतु इच्छुक बालिकाओं महिलाओ से दिनांक 22.02.2025 तक अपरान्ह 2.00 बजे तक प्रदर्शनी मे कार्यपालक निदेशक बी.के. साहू के पास आवेदन जमा कर सकते है। प्रशिक्षण घेत मोबाईल नंबर 9406066492