जानिए थर्ड पार्टी मोटर: इंश्योरेंस क्या है और क्यो होना अनिवार्य है,बिना बीमा पॉलिसी लिए वाहन न चलाए

दोस्तो भारत में हर साल लाखों की संख्या में सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। लेकिन इतनी दुर्घटनाओं के होने के बावजूद भी कई लोग वाहन इंश्योरेंस पर ध्यान नहीं देते हैं। दरअसल, हमारे यहां इंश्योरेंस को लेकर केवल पुलिस के चालान से बचने के लिए कराये जाने की अवधारणा बन चुकी है।
थर्ड पार्टी मोटर इंश्योरेंस:
किसी भी दुर्घटना की स्थिति में मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी आपको मुख्य रुप से दो तरह की सुरक्षा प्रदान करती है। एक होता है इंश्योरेंस करवाने वाले व्यक्ति का नुकसान, जिसे ओन डैमेज कहा जाता है और इससे इंश्योरेंस करवाने वाले के नुकसान की क्षतिपूर्ति होती है। वाहन में कोई टूट फूट या नुकसान इत्यादि। इसके अलावा इसमें थर्ड पार्टी यानी कि दूसरे व्यक्ति जिसका नुकसान इस दुर्घटना में हुआ हो उसकी क्षतिपूर्ति भी इस इंश्योरेंस में कवर होती है इसी को हम थर्ड पार्टी इन्सुरेंस कहते है।
इस इंश्योरेंस में फस्ट पार्टी इंश्योरेंस करवाने वाला, सेकेंड पार्टी इंश्योरेंस कंपनी और थर्ड पार्टी वो व्यक्ति होता है जिसको दुर्घटना के दौरान कोई नुकसान मतलब, घायल, टूट फूट या मृत्यु हो गई हो। ऐसी स्थिति में इंश्योरेंस कंपनी की जिम्मेवारी बनती है कि वो एक्सीडेंट में घायल होने वाले व्यक्ति के चोट, टूट फूट या संपत्ति नुकसान की भरपाइ करेगी।
थर्ड पार्टी इंश्योरेंस में क्या नहीं होता है कवर:
ये इंश्योरेंस आपके वाहन से दूसरे व्यक्ति और उनकी संपत्ति को हुए नुकसान को कवर करती है। थर्ड पार्टी इंश्योरेंस दुर्घटना में आपके वाहन को होने वाले नुकसान या फिर आपको लगने वाले किसी चोट इत्यादि के लिए कवर नहीं देता है। आपके वाहन और आपको हुए शारीरिक नुकसान के लिए ये इंश्योरेंस जिम्मेदार नहीं होता है। इसके अलावा यदि वाहन चालक ड्राइविंग के दौरान शराब या ड्रग्स जैसे नशीले पदार्थों के प्रभाव में पाया जाता है इस दशा में भी इस इंश्योरेंस के लिए क्लेम नहीं किया जा सकता है।
यदि आपके वाहन से कोई दुर्घटना हो जाती है। तो दुर्घटना में घायल होने वाले दूसरे व्यक्ति के पास ये अधिकार होता है कि वो आपके और आपके इंश्योरेंस कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज कराए। अगर वहांन दुर्घटना में किसी व्यक्ति की मृत्यु ही जाती है और आपके गाड़ी का थर्ड पार्टी बीमा नही है तो बीमा की राशि आपको स्वय देनी पड़ सकती है ।जिस राशि का आंकलन न्यायालय मृत व्यक्ति के आय के आधार पर करता हैं।
इसलिए सभी नागरिक गण जिनके वाहन का थर्ड पार्टी बीमा नही है आज ही करवा लें।
कानूनी प्रावधान:
मोटर व्हीकल एक्ट 1988 की धारा 146 के अनुसार कोई भी वाहन चालक बिना बीमा पॉलिसी के वाहन नही चलाएगा ,
धारा 196 के अनुसार धारा 146 का उल्लंघन करने से पहली बार के लिए तीन माह का कारावास जुर्माना 2 हजार रूपये ,एवम दूसरी बार उलझन के लिए 4 हजार के जुर्माना से दंडनीय होगा।