MP Breaking: कराधान घोटाले का मास्टरमाइंड निलंबित लिपिक राजेश सोनी होगा बर्खास्त, सीईओ जिला पंचायत रीवा के द्वारा कमिश्नर को भेजा गया प्रस्ताव

गंगेव जनपद की 38 पंचायतों में हुए कराधान घोटाले का मुख्य आरोपी है राजेश सोनी।
मनगवा थाने में शिवशक्ति कंस्ट्रक्शन के मालिक नागेंद्र सिंह सहित राजेश सोनी पर कई धाराओं में दर्ज है एफआईआर।
दिनांक 15 नवंबर 2022 रीवा मध्य प्रदेश।
मप्र में कराधान घोटाले में हुए व्यापक भ्रष्टाचार को लेकर एक नया मोड़ आ गया है। जहां कराधान घोटाले में संलिप्त ग्राम पंचायतों में अनैतिक तौर पर कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र जारी करते हुए उन्हें बरी करने का प्रयास किया गया था वहीं अब पूरे मामले की गाज कराधान करारोपण घोटाले के प्रमुख आरोपी गंगेव जनपद के निलंबित लिपिक राजेश सोनी के ऊपर गिरती नजर आ रही है। हालांकि मामले में गंगेव जनपद की 38 पंचायतों के तत्कालीन सरपंच सचिव बराबर के जिम्मेदार हैं लेकिन यहां पर गौरतलब है कि राजेश सोनी सरपंचों से डीएससी हासिल करते हुए उसके द्वारा मात्र तीन बार में लगभग 12 करोड़ की राशि शिव शक्ति कंस्ट्रक्शन कंपनी सहित अन्य फर्मों को बिना कार्य करवाए हुए जारी कर दी गई थी। राजेश सोनी पर आरोप था कि उसके द्वारा सरपंच सचिवों से मिलीभगत करते हुए कमीशन लेकर ऐसा वित्तीय अपराध कारित किया गया था। भूमिका संदिग्ध पाए जाने पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रीवा स्वप्निल वानखेड़े एवं तत्कालीन कलेक्टर डॉक्टर इलैयाराजा टी द्वारा राजेश सोनी सहित शिव शक्ति कंस्ट्रक्शन कंपनी के प्रोपराइटर नागेंद्र सिंह एवं रोजगार सहायक रही उनकी पुत्री प्रतिभा सिंह के ऊपर एफ आई आर दर्ज की गई थी।
एसडीएम मनगवा के जांच प्रतिवेदन के आधार पर सीईओ जिला पंचायत ने भेजा बर्खास्तगी का प्रस्ताव
मामले को लेकर अभी हाल ही में दिनांक 30/09/2022 को मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रीवा स्वप्निल वानखेड़े के द्वारा पत्र क्रमांक 6056/जि0पं0/2022 रीवा के माध्यम से आयुक्त संभाग रीवा को पत्र लिखकर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व मनगवा के पत्र क्रमांक 0318/प्रवा0/अनु0अधि0/2020 मनगवां दिनांक 22/07/2020 का हवाला देते हुए कराधान करारोपण घोटाले में मुख्य भूमिका निभाने वाले निलंबित लिपिक राजेश सोनी के द्वारा 7.14 करोड़ों रुपए के अनैतिक और अवैधानिक तरीके से शिव शक्ति ट्रेडर्स आदि वेंडर्स के खाते में एकमुश्त बिना कार्य कराए हुए राशि जारी किए जाने एवं साथ में डिजिटल सिग्नेचर और अन्य ऑनलाइन प्रक्रिया को अपने हाथ में लेकर सरपंच सचिवों की मिलीभगत से वित्तीय अनियमितता किए जाने और साथ में विभाग के द्वारा दर्जनों पत्राचार के बावजूद भी अपना प्रभार और दस्तावेज आदि जानकारी संबंधित जनपद पंचायत गंगेव के अन्य प्रभारी कर्मचारियों को न दिए जाने आदि आरोपों के चलते अनुविभागीय अधिकारी राजस्व मनगवा के द्वारा राजेश सोनी को बर्खास्त किए जाने एवं कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही का प्रस्ताव के आधार पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रीवा के द्वारा उसी प्रस्ताव का हवाला देते हुए कमिश्नर संभाग रीवा को पत्र जारी किया गया है।
सरपंच सचिवों की भूमिका पर उठे सवाल पर कार्यवाही क्यों नहीं
निलंबित लिपिक राजेश सोनी के ऊपर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व मनगवा एवं तत्पश्चात 30/09/2022 में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रीवा स्वप्निल वानखेड़े द्वारा आयुक्त संभाग रीवा को भेजे गए बर्खास्तगी संबंधी उक्त प्रस्ताव के बाद लोगों के मन में एक प्रश्न स्वाभाविक तौर पर उठा रहा है कि आखिर जब डिजिटल सिग्नेचर उपलब्ध करवाए जाने और राशि आहरण में बराबर की भूमिका तत्कालीन सरपंच सचिवों की भी थी तो आखिर निलंबित लिपिक राजेश सोनी पर कार्यवाही के साथ-साथ सरपंच और सचिवों को क्यों बख्शा जा रहा है? दूसरा सबसे बड़ा प्रश्न तत्कालीन लेखा अधिकारी सहायक लेखा अधिकारी एवं जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी की भूमिका पर भी खड़ा होता है कि आखिर इतना बड़ा भ्रष्टाचार होते हुए इनकी भूमिका की जांच क्यों नहीं की गई? सवाल यह भी खड़ा होता है कि जब कराधान योजना की राशि का वितरण किया जा रहा था उस समय करारोपण की पात्रता अर्थात किन-किन पंचायतों में किन-किन वस्तुओं और व्यक्तियों पर अथवा किन स्थानों पर कर लगाया गया और उस कर लगाने की क्या प्रक्रिया है और क्या उस प्रक्रिया का पालन नियमानुसार किया गया है इन प्रश्नों को लेकर भी तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत से लेकर जिला एवं भोपाल तक के बैठे हुए वरिष्ठ अधिकारियों पर प्रश्न खड़े हो जाते हैं।
बहरहाल अभी तक इन प्रश्नों का जवाब न तो किसी जांच अधिकारी के द्वारा दिया गया है और न ही इन मामलों पर जांच ही उस गंभीरता के साथ ही हो पाई है जिससे सभी भ्रष्टाचार की परतें खुल पाए। जानकारी अनुसार यह मामला लोकायुक्त आर्थिक अपराध शाखा से लेकर हाईकोर्ट जबलपुर में चल रहा है। इस मामले को मुख्य रूप से उठाने वाले और भ्रष्टाचार की परतें खोलने वाले सामाजिक कार्यकर्ता शिवानंद द्विवेदी एवं संजय पांडेय की भूमिका अहम रही है। मामले को लेकर पूर्व जनपद उपाध्यक्ष संजय पांडेय के द्वारा गंगेव जनपद की 38 पंचायतों को लेकर जबलपुर हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगाई गई है वहीं सामाजिक कार्यकर्ता शिवानंद द्विवेदी के द्वारा मामले पर वरिष्ठ एवं उच्च स्तर पर कार्यवाही की मांग करते हुए आरटीआई के माध्यम से बड़े बड़े खुलासे किए गए हैं जिसके बाद न केवल गंगेव जनपद की 38 पंचायतों की बल्कि संपूर्ण रीवा जिले की 75 पंचायतों एवं पूरे मध्यप्रदेश की 1148 पंचायतों में कराधान करारोपण घोटाले के दायरे में आ चुकी है।
अब बड़ा सवाल यह है कि आखिर लिपिक राजेश सोनी की बर्खास्तगी के बाद आगे क्या आम जनता के टैक्स के पैसे की गाढ़ी कमाई से भ्रष्टाचार करने वाले इन सरपंच सचिवों और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के ऊपर भी कार्यवाही हो पाएगी अथवा नहीं?