महादेव घाट पर छठ व्रती देंगे सूर्य को संध्या अर्घ्य

- छठ व्रती लोहंडा और खरना व्रत किया
- महादेव घाट छठ व्रती के लिए सज के पूरी तरह तैयार
भोजपुरी लोक गायक मोहन राठौर, लोक कलाकार दिलीप षड़ंगी के गीतों पर रायपुर वासी महादेव घाट पर झूमेंगे आज
भोजपुरी कलाकार प्रियंका पांडेय, अंतर्राष्ट्रीय नृत्य नाटिका प्रसिद्ध सोनाली और तरुण चोपड़ा ग्रुप के कलाकारों के द्वारा भी आज सांस्कृतिक प्रस्तुति की जाएगी
रायपुर, 29 अक्टूबर 2022: –
चार दिवसीय छठ पूजा के तीसरे दिन छठ व्रती महादेव घाट पर कल रविवार दिनांक 30 अक्टूबर को डूबते सूर्य को अर्घ्य देंगे। 10,000 से अधिक छठ व्रती इस वर्ष महादेव घाट पर भगवन भास्कर को अर्घ्य देंगे । छठ व्रती आज शनिवार संध्या को खरना और लोहंडा व्रत किया । लोहंडा एवं खरना विधान के बाद छठ व्रती का 36 घंटे के निर्जला उपवास प्रारम्भ हो गया है।
राज्यपाल अनुसुइया उइके, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह, छत्तीगढ़ शासन के मंत्री, विधायकगण, मेयर एवं अन्य गण्यमान महादेव घाट पर आयोजित छठ पूजा कार्यक्रम में रविवार संध्या को शामिल होंगे ।
छठ महापर्व आयोजन समिति महादेव घाट रायपुर के प्रमुख श्री राजेश कुमार सिंह ने बताया कि चार दिवसीय छठ महापर्व आज शनिवार संध्या को छठ व्रती ने लोहंडा और खरना किया । राजेश कुमार सिंह ने आगे बताया कि कल रविवार को छठ व्रती महादेव घाट पर संध्या अर्घ्य देंगे । उषा अर्घ्य सोमवार अक्टूबर ३१ को होगा । राजेश कुमार सिंह ने बताया कि जिला प्रशासन और रायपुर नगर निगम के सहयोग से महादेव घाट की सफाई की गयी है और महादेव घाट को सजाया गया है। रायपुर शहर में 50 से अधिक तालाबों के किनारे छठ मनाया जा रहा है ।
समिति के द्वारा महादेव घाट की सफाई का काम पूरा कर लिया गया है । महादेव घाट को पूरी तरह से सजाया गया है। पार्किंग, लाइटिंग, व्रती के लिए कपड़ा चेंजिंग रूम एवं अन्य प्रकार कि व्यवस्था किया गया है । समिति के द्वारा सुरक्षा के लिए सिक्योरिटी गार्ड की तैनाती की गयी है । इस वर्ष 1 लाख से अधिक श्रद्धालु महादेव घाट पर जुटेंगे।
छठ महापर्व आयोजन समिति महादेव घाट रायपुर के प्रमुख श्री राजेश कुमार सिंह ने बताया कि समिति के द्वारा महादेव घाट पर सांस्कृतिक भजन संध्या का आयोजन कल रविवार अक्टूबर 30 को किया जायेगा। इस भजन संध्या में, प्रसिद्ध भोजपुरी लोक गायक एवं सुर संग्राम विजेता मोहन राठौर, छत्तीसगढ़ के लोक कलाकार दिलीप षड़ंगी और भोजपुरी कलाकार प्रियंका पांडेय, अंतर्राष्ट्रीय नृत्य नाटिका प्रसिद्ध सोनाली और तरुण चोपड़ा ग्रुप के कलाकारों के द्वारा भी सांस्कृतिक प्रस्तुति की जाएगी । अंतर्राष्ट्रीय डांस ग्रुप धरोहर कला संगम संस्था प्रागराज के कलाकार सोनाली और तरुण चोपड़ा नृत्य नाटिका की प्रस्तुति देंगे। सांस्कृतिक कार्यक्रम 2 बजे से प्रारम्भ होगी।
समिति के द्वारा कल रविवार 30 अक्टूबर को खारुन नदी के महादेव घाट पर हजारों दीपों से भव्य संध्या आरती आयोजित की जाएगी ।
समिति के द्वारा विशाल भंडारे का आयोजन 31 अक्टूबर की सुबह महादेव घाट पर किया जायेगा ।
समिति के प्रमुख राजेश कुमार सिंह, समिति के संचालक सदस्य आर पी सिंह,
रविन्द्र सिंह, शशि सिंह, परमानन्द सिंह, सुनील सिंह, रामकुमार सिंह, सत्येंद्र सिंह गौतम, बृजेश सिंह, रामविलास सिंह, कन्हैया सिंह, अजय शर्मा, जयंत सिंह, ऍम आई सी सदस्य नागभूषण राव, अमरजीत सिंह, संतोष सिंह, जयप्रकाश सिंह, मुकुल श्रीवास्तव, चंद्रशेखर सिंह, सरोज सिंह, संजय सिंह, वेद नारायण ,अनिल सिंह, मदन विश्वकर्मा, संजय तिवारी, संजीव सिंह, राकेश सिंह, एवं समिति के अन्य सदस्य महादेव घाट पर छठ पूजा को भव्य बनाने में अपना सहयोग कर रहे हैं।
शशि सिंह ने बताया कि जिला प्रशासन और रायपुर नगर निगम के सहयोग से महादेव घाट की सफाई की जा रही है और महादेव घाट को सजाया जा रहा है। रायपुर शहर में 50 से अधिक तालाबों के किनारे छठ मनाया जा रहा है । पार्किंग, लाइटिंग, एवं व्रती के लिए हर तरह की सुविधा की व्यवस्था समिति के द्वारा महादेव घाट पर किया जा रहा है। इस वर्ष एक लाख से अधिक श्रद्धालु महादेव घाट पर जुटेंगे।
राजेश कुमार सिंह ने आगे बताया कि छठ महापर्व उत्तर भारतीय समाज का एक महत्वपूर्ण पर्व है। छठ पर्व ही दुनिया का मात्र एक पर्व है जिसमें डूबते सूर्य एवं उगते सूर्य की पूजा की जाती है। छठ पर्व को षष्ठी पूजा एवं सूर्य षष्ठी व्रत के नाम से भी जाना जाता है। यह पर्व कार्तिक शुक्ल पक्ष के षष्ठी को मनाया जाने वाला एक हिन्दू पर्व है। सूर्योपासना का यह अनुपम लोकपर्व मुख्य रूप से पूर्वी भारत के बिहार, झारखण्ड, पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और नेपाल के तराई क्षेत्रों में मनाया जाता है। छठ पूजा सूर्य और उनकी बहन छठी मैया को समर्पित है। त्यौहार और व्रत के अनुष्ठान कठोर हैं और चार दिनों की अवधि में मनाए जाते हैं। इनमें पवित्र स्नान, उपवास और पीने के पानी से दूर रहना, लंबे समय तक पानी में खड़ा होना और प्रसाद, प्रार्थना और सूर्य देवता को अर्घ्य देना शामिल है। बिहार एवं पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोग जिस देश एवं राज्यों में जाकर बसे वहां भी अपनी संस्कृति को आज भी बचाये हुऐ हैं। छठ महापर्व नेपाल, फिजी, मॉरिशस, सूरीनाम, गुयाना एवं अन्य देशों में भी मनाया जाता है।
छठ पर्व सूर्यदेव की उपासना और छठी मैया का पूजा करने महापर्व है। इस पर्व पर उगते और डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा है। छठ पूजा पर छठी मैया की पूजा और लोकगीत गाया जाता है। हिन्दू शास्त्रों के अनुसार छठ देवी भगवान ब्रह्माजी की मानस पुत्री और सूर्यदेव की बहन हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार ब्रह्माजी ने सृष्टि रचने के लिए स्वयं को दो भागों में बांट दिया, जिसमें दाहिने भाग में पुरुष और बाएं भाग में प्रकृति का रूप सामने आया। सृष्टि की अधिष्ठात्री प्रकृति देवी ने अपने आपको छह भागों में विभाजित किया । इनके छठे अंश को सर्वश्रेष्ठ मातृ देवी या देवसेना के रूप में जाना जाता है। प्रकृति का छठा अंश होने के कारण इनका एक नाम षष्ठी है, जिसे छठी मैया के नाम से जाना जाता है। शिशु के जन्म के छठे दिन भी इन्हीं की पूजा की जाती है। इनकी उपासना करने से बच्चे को स्वास्थ्य,सफलता और दीर्घायु का आशीर्वाद मिलता है।