छत्तीसगढ़प्रमुख खबरें

PWD द्वारा बनाया गया सबसे घटिया पुल पुलिया, उप अभियंता द्वारा किया गया है खुलकर भ्रष्टाचार

 

रायपुर । छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिला के बागबाहरा विकासखंड में पदस्थ उप अभियंता भागबली साहू की खुली पोल, पुल पुलिया निर्माण कार्य में लाखों का घपला, घटीया निर्माण कार्य,पर भी कार्यपालन अभियंता, मुख्य अभियंता,प्रमुख अभियंता है मेहरबान!

दरअसल मामला लोक निर्माण विभाग (भ/स)उप संभाग क्रं.02 महासमुंद का है जहां पर पदस्थ श्री भागबली साहु उप अभियंता के कारनामा खुलकर सामने आया है! लंबे समय से स्थानान्तरण नीतियों को चुनौती देते हुए बागबाहरा में पदस्थ हैं, श्री भागबली साहु पहले ईंजीनीयर थे और वर्तमान में उप अभियंता के पद पर पदस्थ है, इनके द्वारा बागबाहरा विकास खंड में पुल पुलिया, सड़क, भवन , स्टेडियम का निर्माण कार्य कराया गया है जिसमें लाखों करोंड़ो रूपया का घपला किया गया है येसा प्रतित हो रहा है।

चोरभट्टी के पास वर्ष 2025 में पुलिया निर्माण कार्य कराया गया है, और 30 जूलाई को वह पुल बह गया, मतलब येसा घटिया पुल का निर्माण कराया गया था जो एक माह भी नही टिक पाया, यह कैसा अनोखा भ्रष्टाचार है।

निर्माण कार्य इतना घटीया है जैसे जोड़ाई सिमेंट से नही बल्की लद्दी से किया गया हो जो बारित के आते ही बह गया!
सीजी संचार क्रांति न्यूज के टीम के द्वारा मौके पर निरीक्षण किया तो सारे मामला का उजागर हुआ कि,उक्त पुल में जो (डोन) पाईल लाईन 1200 mm का लगना रहता है वहां पर 900mm का लगाया गया है। जिस हिसाब से पुलिया निर्माण कार्य हुआ उसकी लंबाई के अनुसार लगभग 09-10 पाईप (डोन) लगना चाहिए था किन्तु केवल 04 पाईप ही लगा दिया गया है जिसके कारण पुल जिर्णशिर्ण होकर ढ़ह गया,भागबली साहु उप अभियंता लगभग 10 वर्षों से बागबाहरा में ही पदस्थ है जिसके कारण उनका मनोबल बढ़ा हुआ है।

मुनगासेर से बोररीदादर, कोलदा से लीलेसर में पुलिया बना है, (एपरोच) पुलिया , पुराना को तोड़कर नया बनाया गया है, 05 माह पहले बनाया गया है। मामला यह भी है कि पुलिया को पाटने के लिये बिना अनुमति के वन विभाग के जमीन से मुरूप निकाला गया है और पटाई कार्य किया गया है।

सूचना के अधिकर अधिनियम 2005 के तहत जानकारी प्राप्त हुआ है जिसमें पुल पुलिया,भवन, सडक निर्माण कार्य में भारी भरकम फर्जीवाड़ा किया गया है,जिसकी अगर सुक्ष्म रूप से जांच किया जाये तो सारे पोल खुलकर सामने आयेगा।

Related Articles

Back to top button