रानी दुर्गावती की 501वीं जयंती पर गोंड समाज का विशेष आयोजन, जाति प्रमाण पत्र की समस्याओं पर जताई चिंता

सच तक इंडिया रायपुर झारखंड, जमशेदपुर, 5 अक्टूबर 2024: अखिल भारतीय गोंड आदिवासी संघ ने रानी दुर्गावती की 501वीं जयंती के अवसर पर जमशेदपुर में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया। यह कार्यक्रम टीटीएस ग्राउंड के समीप स्थित सूर्य मंदिर के पास इस्तंबस्ती में संपन्न हुआ, जिसमें गोंड समाज की एकता और शिक्षा के महत्व को रेखांकित किया गया। हर साल मनाया जाने वाला यह आयोजन इस बार और भी खास था क्योंकि इसे समुदाय के सामने आ रही चुनौतियों पर चर्चा करने का महत्वपूर्ण मंच बनाया गया।
1932 के खतियान की अनिवार्यता से गोंड समाज परेशान
कार्यक्रम के दौरान गोंड समाज के अध्यक्ष दिनेश साह गोंड ने जाति प्रमाण पत्र प्राप्त करने में आ रही दिक्कतों पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने बताया कि वर्तमान में झारखंड सरकार जाति प्रमाण पत्र के लिए 1932 का खतियान मांग रही है, जो गोंड समाज जैसे घूमंतु जनजाति के लिए एक बड़ी चुनौती है। दिनेश साह गोंड ने कहा, “हमारे समुदाय का मुख्यतः मध्य प्रदेश से संबंध है और रोजगार एवं व्यापार के कारण हमारे लोग देश के विभिन्न हिस्सों में बसे हुए हैं। ऐसे में 1932 का खतियान उपलब्ध कराना हमारे लिए संभव नहीं है।”
उन्होंने सरकार से इस समस्या का समाधान निकालने की अपील की ताकि गोंड समाज के लोग शिक्षा और रोजगार में समान अवसर प्राप्त कर सकें।
महिला सशक्तिकरण में गोंड समाज की भूमिका
कार्यक्रम में गोंड समाज महिला समिति के चार साल पूरे होने का भी जश्न मनाया गया। महिला विंग की अध्यक्ष नीतु कुमारी ने इस अवसर पर कहा कि महिला समिति ने जनजाति की महिलाओं को सशक्त और जागरूक बनाने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा, “हमारा मुख्य उद्देश्य जनजाति की महिलाओं को शिक्षित कर उन्हें समाज में अपनी जगह बनाने के लिए प्रेरित करना है।”
गोंड समाज महिला समिति ने महिलाओं को स्वरोजगार के अवसरों के प्रति जागरूक करने के लिए कई अभियान चलाए हैं। उन्होंने बताया कि शिक्षा ही विकास का रास्ता है और इससे महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का मार्ग मिलेगा।
विधायक सरयू राय का बड़ा ऐलान: गोंड समाज भवन का शिलान्यास
इस अवसर पर विधायक श्री सरयू राय ने गोंड समाज भवन निर्माण का शिलान्यास भी किया। यह शिलान्यास समारोह सिदगोरा के सोनमंदम से किया गया, जिसमें जमशेदपुर नोटिफाइड एरिया कमिटी (JNAC) के अधिकारी भी उपस्थित थे। यह भवन गोंड समाज की सांस्कृतिक और सामाजिक गतिविधियों का केंद्र बनेगा और उनकी एकता को मजबूत करेगा।
श्री राय ने कहा, “गोंड समाज हमारे समाज का अभिन्न हिस्सा है। उनकी समस्याओं का समाधान करना हमारा कर्तव्य है। इस भवन के निर्माण से समाज को एकजुट रहने और अपनी सांस्कृतिक धरोहर को सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी।”
रानी दुर्गावती जयंती पर श्रद्धांजलि
रानी दुर्गावती की जयंती के अवसर पर मुख्य अतिथि कैनरा बैंक बर्मामाइंस शाखा की बैंक मैनेजर, रितुपर्णा बक्शी ने केक काटकर समारोह की शुरुआत की। उन्होंने कहा, “रानी दुर्गावती का जीवन साहस और आत्मसम्मान का प्रतीक है। हमें उनसे प्रेरणा लेकर अपने समाज की प्रगति के लिए कार्य करना चाहिए।”
गोंड समाज की उम्मीदें और मांगें
गोंड समाज ने सरकार से मांग की है कि 1932 के खतियान की अनिवार्यता को समाप्त कर जाति प्रमाण पत्र प्राप्त करने की प्रक्रिया को आसान बनाया जाए। घूमंतु जीवन शैली के कारण गोंड जनजाति के पास खतियान उपलब्ध नहीं है, जिससे उन्हें शिक्षा और रोजगार में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
समुदाय को सशक्त बनाने के लिए शिक्षा पर जोर
गोंड समाज का मुख्य उद्देश्य अपने समुदाय को शिक्षित करना और उनकी उन्नति सुनिश्चित करना है। महिला विंग की अध्यक्ष नीतु कुमारी ने बताया कि गोंड समाज के लोग शिक्षा के प्रति जागरूक हो रहे हैं। “हम अपने समाज के लोगों को शिक्षित कर उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाना चाहते हैं ताकि वे समाज में सम्मान के साथ अपना स्थान बना सकें।”
सरकार के सामने चुनौती
गोंड समाज की जाति प्रमाण पत्र से संबंधित मांगों ने सरकार के सामने एक बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। अगर सरकार इस समस्या का समाधान नहीं करती, तो जनजाति के लोगों की शिक्षा और रोजगार के अवसरों पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है।
समाज में एकजुटता और विकास की उम्मीद
रानी दुर्गावती की 501 वीं जयंती पर हुए इस कार्यक्रम ने गोंड समाज को एकजुटता और अपने हक के लिए संघर्ष करने का नया जोश दिया है। गोंड समाज के लोग शिक्षा, रोजगार, और विकास के अपने सपनों को साकार करने के लिए तैयार हैं। यह कार्यक्रम उनके संघर्ष और समर्पण का प्रतीक बनकर उभरा है, जो उनकी सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने और अपने अधिकारों के लिए लड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
सरकार के लिए यह आवश्यक है कि वे इस जनजाति की समस्याओं पर विचार करें और उचित समाधान निकालें ताकि यह समुदाय समाज की मुख्यधारा में शामिल होकर अपनी प्रगति का मार्ग प्रशस्त कर सके।