छत्तीसगढ़ में सफाई के नाम पर 4 करोड़ का घोटाला….हर महीने 200 कर्मचारियों को फ्री में भुगतान
सच तक इंडिया रायपुर छत्तीसगढ़ के भिलाई नगर निगम में करीब 4 करोड़ का घोटाला हुआ। MIC की जांच कमेटी के मुताबिक हर महीने करीब 200 कर्मचारियों के नाम से बिना काम कराए ही निगम से वेतन का भुगतान कराया जा रहा है। इसके साथ ही कर्मचारियों का ESI और PF का पैसा भी गायब है। यह खुलासा MIC की जांच कमेटी की जांच में हुआ है
मिली जानकारी के मुताबिक सफाई के लिए नागपुर की कंपनी अर्बन एनवायरमेंट केयर प्राइवेट लिमिटेड को 36 करोड़ रुपए का टेंडर दिया गया है। कंपनी के डायरेक्टर सुरेश शर्मा और MD कमलेश शर्मा हैं। भिलाई नगर निगम की सामान्य सभा में कांग्रेस और भाजपा सहित सभी पार्षदों ने सफाई में घोटाले का मुद्दा उठाया था। सभापति ने सभी निगम पार्षदों की निगरानी में एक जांच दल तय किया। यह जांच दल सफाई ठेका कंपनी की कथनी और करनी की जांच कर रहा है। इसी के सिलसिले में मंगलवार को जांच टीम के सदस्य जोन-1 पहुंचे।
उन्होंने फरीद नगर मैदान में जोन एक के सभी कर्मचारियों को हाजिरी के लिए बुलाया साथ ही उनके वाहनों को भी बुलाया गया। जांच दल के सदस्यों ने एक-एक वार्ड में काम करने वाले मजदूरों की गिनती शुरू की तो चौंकाने वाली सच्चाई सामने आई। सभी वार्ड में आधे ही कर्मचारी सफाई के लिए पहुंचे थे। अपनी गलती को छिपाने के लिए ठेका एजेंसी के सुपरवाइजरों ने उन श्रमिकों को भी गिनती के लिए बुला लिया, जिनका मंगलवार को अवकाश था। इसके बाद भी पूरे कर्मचारी नहीं नहीं रहे।
पार्षद हरिओम तिवारी ने बताया कि ठेका एजेंसी ने सफाई के लिए निगम से रिक्शा, ई-रिक्शा और डीजल गाड़ियों को लिया, लेकिन उनका मेंटेनेंस तक नहीं कराया। सभी वाहन पूरी तरह से कंडम हो गए हैं। जोन एक में 6 से अधिक ई-रिक्शा कंडम हो चुके हैं। मेंटेनेंस के अभाव में वो चलने लायक नहीं है। मेंटेनेंस के लिए सफाई कर्मचारियों पर दबाव बनाया जा रहा है। भिलाई निगम के नेता प्रतिपक्ष भोजराज भोजू ने बताया कि ठेका एजेंसी ने आधे कर्मचारियों से काम लेकर पूरे कर्मचारियों का भुगतान निगम से लिया है। गलती को छिपाने के लिए उन्होंने अब तक अटेंडेंस रजिस्टर तक नहीं दिया है।
उनकी जांच टीम ने आज देखा कि एजेंसी को हर दिन कुल 1800 से अधिक श्रमिक देना है। जब इसका वास्तविक परीक्षण में किया गया तो पाया गया कि किसी माह भी इतने श्रमिक काम पर नहीं आए हैं। करीब 200 श्रमिक हर माह कम आए हैं। पार्षद लालचंद वर्मा ने बताया कि हर जोन में सफाई एजेंसी को 50-50 का गैंग अलग से देना है। कंपनी उस गैंग को अब तक नहीं लगाई। वार्ड के कर्मचारियों को ही गैंग की जगह भेजकर उनका वेतन डकार जा रही है। जब सफाई एजेंसी से गैंग के कर्मचारियों की लिस्ट मांगी गई तो वो वह लिस्ट भी अब तक नहीं दे पाई है।
पार्षद स्मिता दोड़के ने बताया कि उन्होंने जांच के दौरान पाया कि ESI और PF में बड़ी गड़बड़ी की गई है। कंपनी कुछ कर्मचारियों का ESI और PF जमा कर रही है, लेकिन ज्यादातर का जमा नहीं किया जा रहा है। इसके बाद भी निगम ठेका एजेंसी को वेतन का भुगतान कर रहा है। उन्होंने निगम से श्रमिकों के ESI और PF की भी जांच करने की मांग की है।
सफाई मामले की जांच के लिए जो कमेटी गठित की गई है उसमें पार्षद महेश वर्मा, भोजराज भोजू, संतोष मौर्या, विनोद सिंह, जालंधर सिंह, संजय सिंह, पीयूष मिश्रा, नोहर वर्मा, स्मिता दोड़के, बी सुजाता, दया सिंह, एमआईसी सदस्य लक्ष्मीपति राजू, अब्दुल मन्नान, लालचंद वर्मा, साकेत चंद्राकर, हरिओम तिवारी, संदीप निरंकारी, नेहा साहू, आदित्य सिंह, प्रमोद सिंह आदि शामिल हैं।
भिलाई नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष भोजराज सिन्हा ने बताया कि ठेका एजेंसी जांच में सहयोग नहीं कर रही है। इसकी शिकायत आज आयुक्त से मिलकर किए हैं। उन्होंने भरोसा दिलाया है कि जांच दल को जो नजर आ रहा है, उसे नोट करे। उनके प्रतिवेदन को मानकर वो उसके खिलाफ कार्रवाई करेंगे।