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दूसरे राज्यों की शराब खपाने धमधा बड़ा ठिकाना, तस्करों ने यहां से फैलाया बड़ा नेटवर्क

आबकारी अफसरों की निगरानी के नीचे बड़ा खेप पहुंचने से लापरवाही की पोल खुली।

पूर्व में भी शराब के अवैध कारोबार का हुआ था खुलासा।


रायपुर। धमधा पुलिस की कार्रवाई में शराब के अवैध कारोबार का बड़ा खुलासा हुआ है लेकिन इसके साथ ही इस क्षेत्र में शराब को खपत करने का बड़ा ठिकाना बनाने की भी जानकारी सामने आई है। दावा किया है कि 20 किलोमीटर पीछा करने के बाद तस्करों को दबोचा जा सका, लेकिन सूत्रों का यह भी कहना है कि असल में तस्कर धमधा में ही बड़ा ठिकाना बना कर शराब छिपाने के लिए सकरी हुए थे। पुलिस की सक्रियता के बाद यह नेटवर्क ध्वस्त हुआ है। तस्करों के बयान लेने के बाद शराब परिवहन कर उसे किसी और शहर में खपाने की तैयारी के दावे किए जा रहे हैं जबकि असल में डंपिंग जोन धमधा कोही बनाए जाने के चर्चे हैं। शराब परिवहन की बात कहते हुए कुछ अधिकारी अपनी खाल बचाने में जुटे हुए हैं। मध्य प्रदेश के शराब तस्करों के साथ मिलकर धमधा में ही शराब के अवैध कारोबार का नेटवर्क बनाया गया है। दुर्ग एसपी अभिषेक पल्लव के बताए अनुसार गाड़ी से बरामद माल 550 पेटी है जिसकी कीमत ₹35 लाख है। दावा है जब तस्कर शराब लेकर रायपुर बॉर्डर पहुंचे थे तभी सटीक जानकारी मिलते ही उनका पीछा कर उन्हें दबोचा गया। दो गाड़ियां जब्त करने के बाद तस्करों से और बाकी ठिकानों के बारे में पूछताछ जारी है। सूत्रों का दावा है कि लंबे समय से धमधा के ग्रामीण क्षेत्रों में तस्कर शराब के काले कारोबार को अंजाम दे रहे हैं। आबकारी विभाग के तमाम अफसरों के निगरानी के बीच तस्कर धमधा क्षेत्र में सक्रिय हैं। सर्किल अधिकारियों के मिलीभगत की भी आशंका है। 350 पेटी अंग्रेजी और 200 पेटी देशी शराब के कारोबार की सूचना पुलिस को होने के बाद एक बड़ी कार्रवाई हुई है। इसके बाद से ही आबकारी विभाग में भी खासा हड़कंप मचा हुआ है। फिलहाल पुलिस आरोपियों के नाम गोपनीय रखते हुए उनके तमाम ठिकानों की जानकारी ले रही है। अफसरों का कहना है कि इस चैनल की जांच करने के बाद धंधा में एक बड़े रैकेट का चेहरा उजागर हो सकता है जो काफी लंबे समय से सक्रिय है।
ग्रामीण क्षेत्र में सबसे ज्यादा फोकस
शराब तस्करों ने प्रदेश में अवैध कारोबार करने के लिए सबसे ज्यादा ग्रामीण क्षेत्रों को फोकस किया है। इसके पहले दुर्ग, बलोदा बाजार जिले के ग्रामीण क्षेत्रों से शराब तस्करों का नेटवर्क पकड़ा गया है जहां कई लोगों की गिरफ्तारी भी हुई है। के पास से बड़ी मात्रा में दूसरे राज्यों की शराब बरामद की गई है। खुद रायपुर की टीम ने भी बड़ा खुलासा किया है। मालवाहक वाहनों में दूसरे सामानों की आड़ लेकर शराब तस्करी को अंजाम दिया जा रहा है।
आबकारी अफसर नींद में डूबे
धंधा में जिस तरह से बड़ी मात्रा में शराब जब्त किया गया है उसने आबकारी विभाग की निगरानी की पोल खोल दी है। सर्किल स्तर पर जिला टीम और उड़नदस्ता की सर्विलांस टीम होने के बावजूद यहां बड़ा स्टॉक बरामद हुआ है। विभाग के आला अधिकारी अधिकारियों की बैठक लेकर शराब के अवैध कारोबार पर सख्ती बरतने पहले ही निर्देश जारी कर चुके हैं। सर्किल स्तर पर शराब के अवैध कारोबार की खुलासा होने पर संबंधित अधिकारी पर भी कार्रवाई के लिए सख्त निर्देश दिए गए हैं।
अब तक दुर्ग का ही लिंक क्यों ?
बलौदा बाजार के कसडोल, बेमेतरा, रायपुर समय आसपास के जिलों में अब तक पकड़े गए तस्करों का कहीं न कही दुर्ग से संबंध रहा है। बरामद हुई मध्य प्रदेश की शराब और जब्त गाड़ियों का लिंक भी दुर्ग जिले से जुड़ा हुआ है। ऐसे में सवाल आम है कि दुर्ग जिले को टारगेट बनाकर यहां ग्रामीण क्षेत्र में शराब खपाया जा रहा है। और यहीं से आसपास के जिलों में चैनल बनाकर स्टॉक भेजा जा रहा है। बड़ा स्टॉक मिलने के बाद स्थिति साफ होने लगी है। हालांकि पुलिस के अपने दावे हैं।

ग्रामीण क्षेत्र से बना रहे रास्तेतस्करों के पकड़े जाने के बाद उनसे पूछताछ की गई है। ग्रामीण क्षेत्रों के रास्तों का इस्तेमाल शराब खपाने के लिए किया जा रहा है। पूछताछ जारी है।
संजय ध्रुव, एडिशनल एसपी दुर्ग

मामले से सम्बंधित जानकारी हेतु छत्तीसगढ़ आबकारी विभाग के एमडी एपी त्रिपाठी से जब सच तक इंडिया न्यूज़ की टीम ने फ़ोन पर जानना चाहा कि “क्या जाँच कमेटी गठित की जाएगी ?,क्या सम्बंधित सर्किल अधिकारी सहित अन्य अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की जा रही है” तो उनके द्वारा ना ही फ़ोन रिसीव किया गया और ना ही व्हाट्सएप्प पर जवाब दिया गया।

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