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गरियाबंद जिला अस्पताल का 15 लाख का भुगतान नहीं होने से डीजल मिलना बंद, रेफर होने वाले मरीजों से एम्बुलेंस में डलवा रहे डीजल

सच तक इंडिया रायपुर । गरियाबंद जिला अस्पताल की स्वास्थ्य सुविधाओं से जिले के मरीज पहले ही बेहाल है। कोई घटना दुर्घटना होने पर प्रारंभिक इलाज के बाद उन्हें रायपुर रेफर करना पड़ता है। अब डीजल के 15 लाख के बिल का भुगतान नही होने के कारण जिला अस्पताल के वाहनों को डीजल मिलना बंद हो गया है। तो सिविल सर्जन इसकी भरपाई मरीजों के परिजनों से कर रहे है और बीते कुछ दिनों से मरीजों को अब रायपुर रेफर होने पर एम्बुलेंस में डीजल डालने के नाम पर पैसे भी देने पड़ रहे है। इसके लिए मरीजों को किसी तरह की कोई रसीद नही दी जा रही हैं।

जिला अस्पताल के अधीक्षक (सिविल सर्जन) देवेन्द्रनाथ ने इसके लिए नियमों का हवाला देते हुए कहा कि बीपीएल केटेगिरी के लोगों को निःशुल्क एम्बुलेंस उपलब्ध हैं और एपीएल वालों से वाहन में डीजल डलवाने के लिए मरीज से पैसा ले सकते है। आनन फानन में आदेश निकलवाया गया कि 108 उपलब्ध नहीं होने पर दूसरे शासकीय एम्बुलेंस से रेफर किया जाए, लेकिन डीजल के लिए राशि ली जानी है या नही इसका उल्लेख नहीं किया है। बीते कुछ दिनों से रेफर करने के नाम पर लगातार मरीजों से पैसे लिए जा रहे है। जिसमे से दो बीपीएल कैटेगिरी के व्यक्ति सामने आए और उन्होंने बताया कि डीजल के नाम पर राजिम जाने के लिए उनसे एम्बुलेंस चालक ने एक-एक हजार रुपये मांग कर डीजल डलवाया है। इस पूरे मामले को लेकर सीएमएचओ डॉ उरांव से फ़ोन पर बात की तो उन्होंने पैसे लेने की बात पर नाराजगी जाहिर की और पैसे वापस दिलाने की बात कही।

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