शिक्षा के अधिकार कानून के अंतर्गत कोई भी जानकारी मांगने पर भी पूरे प्रदेश में किसी भी स्कूल द्वारा नहीं दी जाएगी-छग प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन

एसोसिएशन के सदस्य 14 फरवरी से 17 फरवरी 2023 तक करेंगे काली पट्टी लगाकर विरोध।
रायपुर। छत्तीसगढ़ के तमाम निजी स्कूलों में शिक्षा के अधिकार कानून के अंतर्गत वंचित वर्ग के बच्चों के लिए 25% सीटें आरक्षित की गई हैं. पूरे प्रदेश में हर वर्ष लगभग वंचित वर्ग के 80 हज़ार बच्चों का दाखिला इस योजना के तहत होता है.
योजना लागू होने से अब तक शिक्षा के अधिकार कानून योजना के समस्त कार्य प्रबंधन का दायित्व संचालक लोक शिक्षण संचालनालय करता आया है.
दिनांक 12.12.2022 को (2 महीने पहले )छत्तीसगढ़ शासन, स्कूल शिक्षा विभाग ने शिक्षा के अधिकार कानून के तहत समस्त कार्य लोक शिक्षण संचालनालय के स्थान पर प्रबंध संचालक,समग्र शिक्षा, रायपुर, छत्तीसगढ़ को सौंप दिया था. इसके उपरांत संगठन के प्रतिनिधि दिनांक 16.12.2022 को प्रबंध संचालक से मिलकर अपनी सारी लंबित मांगों को उनके समक्ष रख चुके हैं लेकिन प्रबंध संचालक समग्र शिक्षा द्वारा इस काम को अनदेखा किया जाता रहा . लंबे समय तक जब लंबित काम नहीं हुआ और हमारी मांगों को नहीं सुना गया तो 8 फरवरी को संगठन के प्रतिनिधि मंडल ने संचालक,लोक शिक्षण संचालनालय को अपना ज्ञापन देकर इस बारे में अपना विरोध दर्ज किया है . तमाम तरह के प्रयासों के बाद भी ऐसा प्रतीत होता है की समग्र शिक्षा द्वारा काम को टाला जा रहा है.
ऐसा प्रतीत होता है की समग्र शिक्षा द्वारा जानबूझ कर सरकार की छवि धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है. छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन शिक्षा के अधिकार कानून पर इस लापरवाही के खिलाफ पूरे प्रदेश में चरणबद्ध आंदोलन शुरू कर रहा है. सत्र 2023-24 हेतु दिनांक 11 फरवरी से 23 फरवरी तक जानकारी निजी स्कूलों से मांगी जा रही है सबसे पहले असहयोग के रूप में आज से शिक्षा के अधिकार कानून के अंतर्गत कोई भी जानकारी मांगने पर भी पूरे प्रदेश में किसी भी स्कूल द्वारा नहीं दी जाएगी.
अगले चरण में मंगलवार 14 फरवरी को दोपहर 12 बजे वैलेंटाइन डे के दिन रायपुर में प्रबंध संचालक, समग्र शिक्षा को संगठन के लोग सद्बुद्धि देने के लिए गुलाब का फूल सस्नेह प्रदान करेंगे. इसी दिन मंगलवार 14 फरवरी को दोपहर 12 पूरे 27 जिलों में जिला संगठन के पदाधिकारी समग्र शिक्षा के नाम जिला शिक्षा अधिकारी को सस्नेह गुलाब का फूल देंगे. अगले 2 दिन 15 एवं 16 फरवरी को प्रदेश के सभी स्कूलों के स्कूल प्रबंधक, स्टाफ एवं टीचर काली पट्टी लगाकर अपने कार्य संपादित करेंगे.
17 फरवरी को समग्र शिक्षा को कुम्भकर्णीय नींद से जगाने समग्र शिक्षा विभाग कार्यालय के सामने तथा प्रदेश के अन्य जिलों में जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के सामने नगाड़ा बजाया जाएगा.
निजी स्कूलों की लंबित मांगे :-
1 . वर्ष 2020-2021 की प्रतिपूर्ति राशि प्रदेश के करीब 900 स्कूलों की शेष है जो अभी तक प्रदान नहीं की गयी है .इस राशि को अत्यंत विलंभ हो चूका है.
- 2. कक्षा 9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों की प्रतिपूर्ति राशि भी राज्य शासन की घोषणा अनुसार प्रदाय की जानी है. प्रदेश के सभी निजी स्कूलों में ऐसे विद्यार्थी 9 वीं से आगे की कक्षाओ में अध्ययनरत हैं उनकी भी राशि वर्तमान सत्र तक की राशि प्रदाय की जानी है.
- 3. सत्र 2019 तक का सत्यापन सभी जिलों द्वारा किया जा चूका है उसकी भी राशि लंबित है.
- 4.सत्र 2021-2022 की प्रतिपूर्ति राशि हेतु भी समस्त कार्यवाही ख़त्म की जा चुकी है इस राशि को प्रदान किये जाने हेतु निवेदन है.
- 5. चूँकि सत्र 2022-2023 भी लगभग समाप्त हो चूका है अतः 2022-2023 की प्रतिपूर्ति
राशि हेतु भी कार्यवाही को जल्द ख़त्म कर राशि प्रदान किये जाने हेतु निवेदन है.
समग्र शिक्षा विभाग की हठधर्मिता एवं लापरवाही के कारण लगभग वंचित वर्ग के 80 हज़ार बच्चों का दाखिला पूरे प्रदेश में प्रभावित होगा.