क्यों खास है डीयू कार्यकारी परिषद के चुनाव में ‘आप’ को मिली जीत के मायने

मिहिर कुर्मी
विगत 10 फरवरी को राजधानी दिल्ली में केजरीवाल सरकार के शिक्षा मॉडल पर एक बार फिर बड़ी मुहर लगी और आप टीचर्स विंग ने अपने पहले शैक्षणिक चुनाव में जीत के साथ खाता खोला। शुक्रवार को विश्वविद्यालय कार्यकारी परिषद चुनाव में ने हिंदू कॉलेज की राजनीति विज्ञान की प्रोफेसर डॉ सीमा दास को मैदान में उतारा था, जिन्होंने 3100 से अधिक मतों से जीत हासिल की । दिल्ली विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद का चुनाव हर 2 साल में होता है। इस चुनाव में 70 कॉलेजों के 12 हजार से अधिक शिक्षकों द्वारा 21 सदस्यीय कार्यकारी परिषद के लिए दो शिक्षक प्रतिनिधियों के चुनाव के लिए मतदान किया गया, जिसमें आप ने डॉ. सीमा दास को मैदान में उतारा था। जिन्हें 3 हजार से ज्यादा वोटों से जीत मिली है। आप टीचर्स विंग के राष्ट्रीय प्रभारी डॉ.आदित्य नारायण मिश्रा ने शैक्षणिक चुनाव में आप को मिली पहली जीत को दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के विजन और शिक्षा मॉडल को समर्पित किया था । डॉ।आदित्य ने कहा था कि पार्टी अकादमिक परिषद के चुनावों में उनके सभी उम्मीदवारों की जीत तय है। डॉ. आदित्य नारायण मिश्रा ने विश्वविद्यालय के शिक्षकों आप उम्मीदवारों को वोट और समर्थन देने के लिए धन्यवाद दिया। कार्यकारी परिषद में डॉ। सीमा दास की जीत एडहॉक को समाहित करने के मुद्दे की दिशा में काम करने के हमारे संकल्प को और मजबूत करेगी। विश्वविद्यालय के घोर निजीकरण मॉडल का विरोध करेगी।

निश्चित ही यह जीत ‘आप’ के लिए खास मानी जा रही है इस जीत के बाद अब शैक्षणिक संस्थानों में ‘आप’ का आने वाले समय में दबदबा बढेगा।
वहीं जीत पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का मानना है कि कई बार दिल्ली सरकार के किसी कार्य को गलत तरीके से प्रस्तुत किया जाता है। हमें इस अवधारणा को बदलने की जरूरत है। दिल्ली विश्वविद्यालय के बहुत सारे मुद्दे रहते हैं। डीयू शिक्षकों के वेतन के मुद्दे का उदाहरण देते हुए कहा कि बीच-बीच में कई बार मुद्दा उठा कि शिक्षकों को वेतन नहीं मिल रहा है। हम वेतन देना चाहते हैं, लेकिन बीच-बीच में संवाद की कमी हो जाती है। हम डीयू के सभी मुद्दों का समाधान चाहते हैं। डीयू की अलग-अलग बॉडी में अब ‘आप’ के लोग हैं और उनके जरिए अब हम सभी मुद्दों पर आवाज उठा सकेंगे।
कार्यकारी परिषद का चुनाव जीतीं डॉ. सीमा दास ने बताया कि मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में हम लोग यह चुनाव जीते हैं। सरकारी विश्वविद्यालय को बचाना और उसका उद्धार करना आम आदमी पार्टी की अवधारणा है। इसी अवधारणा से हमने यह चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। हम विश्वविद्यालय के शिक्षकों के विस्थापन का विरोध करेंगे।