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रेत के खेल में बिचौलियों की चांदी,माइनिंग विभाग खामोश,अवैध खनन से ग्रामीण आक्रोशित

लिखित शिकायत के बाद भी अफसर मौके से नदारद , शासन को करोड़ों का चूना।

मनीष बाघ

रायपुर, 13 जनवरी 2023। विधानसभा आरंग के अंतर्ग्रत ग्राम कुरूद ,कुटेला ,मुहमेला, कागदेही ,करमंदी ,पारागावं , तथा अभनपुर के ग्राम कुम्हारी ,गौरभाठ में रेत खदानों में अवैध खनन की वजह से ग्रामीणों के बीच आक्रोश बढ़ता जा रहा है। शासन के नियमो तथा मान. न्यायालय के नियमो को दरकिनार कर खुलेआम रेत खनन बदस्तूर जारी है । ग्रामीण क्षेत्र से स्थानीय नेता ने भी लिखित में कलेक्टर को शिकायत की है बावजूद इसके कोई कार्यवाही नहीं हो रही है। नियम कायदे को जेब में रखकर खनिज माफिया 24 घंटे ,डंके के चोट पर अवैध रूप से रेत खदान का संचालन कर रहे है। सूत्रों के अनुसार लीज समाप्ती के बाद भी कुरूद ,कुटेला ,रेत खदान खुलेआम संचालित है। अवैध खनन को लेकर आगे स्थानीय ग्रामीणों ने बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है। इसके पूर्व भी रायपुर जिले के आसपास के गांव में अवैध भंडारण करके रेत माफियाओं द्वारा माइनिंग विभाग को करोड़ों रुपए नुकसान पहुंचाने का मामला सामने आ चुका है जबकि ज्यादातर मामलों में अभी भी जांच लंबित है। अफसरों की कार्रवाई को लेकर उनकी भूमिका भी संदेह के दायरे में है। फिलहाल आधिकारिक तौर पर अफसर कुछ भी कहने से बचते नजर आए हैं।
इस तरह से अवैध रेत खनन का खेल
ग्रामीणों के बताए अनुसार, रोजाना प्रत्येक खदानों से अमूमन लगभग 150 से 200 ट्रक रेत निकलती है ,जहाँ प्रति ट्रक लोडिंग 4000 रूपये ले रही है ,इस प्रकार प्रति रेत खदान में लगभग 8 लाख का कारोबार संचालित है। शासन के निर्धारित लोडिंग दर 50 रुपये घन मीटर है। जो सिर्फ कागजो में है। धरातल में बिना रॉयल्टी का लोडिंग 3000-4000 चल रही है। सभी रेत खदानों से लभगग 70 से 80 लाख का कारोबार होती है ,जो राजकोष में प्रति दिन इसका 10/ भी राजस्व शासन को नहीं मिलने से भरकम नुकसान हो रहा है। खुलेआम संचालित अवैध रेत खदानों पर कार्यवाही नही किया जाना सवाल तो पैदा करती है | महानदी से लगे हिस्सों में धड़ल्ले से खुदाई
पवित्र जीवनदायनी नदी महानदी उक्त गावों से होकर गुजरी है | जहाँ नदी के सीने को छलनी कर ,खनिज संपदा का दोहन लगातार जारी है,जिस पर कड़ी कार्यवाही नही होने से खनिज माफियाओ को संरक्षण एवं बल मिल रहा है। आप नेता परमानंद जांगड़े ने कहा अगर गोरख कारोबार पर अंकुश नहीं लगा आने वाले दिनों में माफिया राज काजल पूरे प्रदेश में पहले का और भारी भरकम नुकसान सरकार के राजस्व विभाग को उठाना पड़ेगा।
सुप्रीम कोर्ट के नियमों की धज्जियां उड़ी
परमानंद जांगड़े ने आरोप लगाया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी गाइडलाइन के नियमों के विपरीत कारोबार किया जा रहा है। प्रभाव शाली संस्था सुप्रीमकोर्ट के नियमो के विपरीत रात्री कालीन रात 6 बजे के बाद भी मशीन से 24 घंटे बेखौफ खनन किया जा रहा है ,अनुबंध के विपरीत स्वीकृत सीमा के बाहर खनन हो रही है , साथ ही प्रयाप्त मजदूर होने के उपरांत भी मशीनों से रेत भराई कर रहे है | नई खनिज प्लान मजदूरो के लिए अभिशाप से कम नहीं है ।

जन मानस का आरोप :- अवैध रेत खदान से प्रभावित क्षेत्र के गावों के जन मानस में काफी आक्रोस व्याप्त हो रही है ,लोगो का आरौप है की शिकायत के बौजुद कार्यवाही नही किया जाता है , जनप्रतिनिधि आमजनता ,देश की तीसरी आँख ने भी बार बार इस अवैध कारोबार को लेकर शासन प्रशासन के संज्ञान में लायी किन्तु कार्यवाही के नाम पर खानापूर्ति होती है,जो काफी दुर्भाग्यजनक है ,अब शासन प्रशासन के संज्ञान में आने पर कार्यवाही होगी उम्मीद है |

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