National Breaking: Rewa: सेमरिया बकिया बराज नहर में धकेली गयी 60 गायों को गौसेवको ने रात भर पानी में 25 किलो मीटर चलकर के रेस्क्यू के बाद बाहर निकाला

पुलिस और स्थानीय प्रशासन के सहयोग से रेस्क्यू किए गए गोवंश।
आसपास के ग्रामीणों ने लट्ठ लेकर पुलिस और रेस्क्यू टीम का किया विरोध।
निर्मित हुई विवाद की स्थिति लेकिन पुलिस प्रशासन ने स्थित संभाला।
दोषियों को चिन्हित नहीं कर पाई पुलिस, नहीं हुई कोई एफ आई आर।
दिनांक 30 सितंबर 2022 रीवा मध्य प्रदेश।
रेस्क्यू ऑपरेशन स्पेशल रिपोर्ट:
सतना रीवा से होते हुए बीड़ा सेमरिया क्षेत्र से निकलने वाली टीएचसी पावर प्लांट में बिजली निर्माण में उपयोग की जाने वाली बकिया बैराज नहर में धकेले गए 50 से अधिक गोवंशों को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया है। जानकारी अनुसार अभी भी कुछ घायल गोवंश फंसे हुए हैं जिन्हें रेस्क्यू किए जाने का प्रयास चल रहा है।
दिनांक 29/9/2022 को टीएचसी पावर प्लांट सिरमौर में कार्य करने वाले कर्मचारी चंद्रभूषण तिवारी के माध्यम से सामाजिक कार्यकर्ता शिवानंद द्विवेदी को सूचना दी गई जिसमें बकिया बराज नहर में बीड़ा और बरों के बीच धकेले गए लगभग 50 की संख्या में गोवंश को रेस्क्यू किए जाने के लिए सहायता चाही गयी थी। इसके बाद सोशल एक्टिविस्ट के द्वारा मामले को मीडिया में सर्कुलेट करते हुए जिला कलेक्टर रीवा मनोज पुष्प एवं पुलिस अधीक्षक रीवा नवनीत भसीन को व्हाट्सएप के माध्यम से सूचना प्रेषित की गई और कार्यवाही की माग की गई। मामले की जानकारी गोवंशों और पशुओं के अधिकार के लिए कार्य करने वाले कई संगठनों को भी भेज दिए गए । इसके बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए पूरे देश भर में विभिन्न संगठन एक्टिव हो गए।
रात 11:00 बजे से ही ग्राउंड जीरो पर प्रारंभ हो गया रेस्क्यू ऑपरेशन
29 सितंबर 2022 को रात 11:00 बजे से ही रेस्क्यू ऑपरेशन प्रारंभ हो गया। मामले की जानकारी रीवा शहर में पशुओं और बेसहारा कुत्तों के लिए कार्य करने वाली एनिमल राइट एक्टिविस्ट रूपा द्विवेदी को मिली तो उन्होंने सामाजिक कार्यकर्ता शिवानंद द्विवेदी से संपर्क कर लोकेशन की जानकारी ली। शिवानंद द्विवेदी ने मामले की जानकारी रूपा को बताते हुए टीएचसी पावर प्लांट में कार्य करने वाले कर्मचारी चंद्रभूषण तिवारी एवं अन्य मदद संबंधी जानकारी उपलब्ध करवाई।
पुलिस और स्थानीय प्रशासन के सहयोग से 30 सितंबर की सुबह रेस्क्यू किए गए गोवंश
प्राप्त जानकारी जानकारी अनुसार सिरमौर एसडीओपी पुलिस नवीन तिवारी के सहयोग से मौके पर पीएचसी पावर प्लांट के कर्मचारियों एवं पशुओं के अधिकार के लिए कार्य करने वाले कार्यकर्ताओं रूपा द्विवेदी, सिंह, बृजेंद्र पांडे, कान्हा पांडे, प्रिंस मिश्रा, देवेश द्विवेदी एवं अटल गो सेवा संस्थान शहडोल के कार्यकर्ताओं आदि ने मौके पर रहते हुए रात में लगभग 25 किलोमीटर नहर के भीतर उतरकर गोवंश को हांकते हुए मुख्य द्वार पर लाए और सुबह 30 सितंबर को गोवंश को बाहर रेस्क्यू किया गया।
अभी भी फंसे थे 3 घायल गोवंश
प्राप्त जानकारी अनुसार बताया गया है कि स्वस्थ और चलने योग्य गोवंशों को तो हांकते हुए मुख्य गेट पर लाकर बखिया बराज नहर से बाहर निकाल लिया गया है लेकिन अभी भी तीन ऐसे गोवंश हैं जो चलने फिरने में असमर्थ हैं और घायल हैं अभी भी फंसे हुए हैं।
दर्जनों ग्रामीणों ने लठ्ठ लेकर रेस्क्यू का किया विरोध
बताया गया स्थिति तब भयानक हो गई जब गोवंशों को बाहर निकालते समय दर्जनों ग्रामीणों ने इसका विरोध किया। इससे जाहिर है कि इन्हीं ग्रामीणों के द्वारा गोवंशों को बकिया बराज नहर के अंदर धकेला गया होगा। इन ग्रामीणों का तर्क था यह गोवंश हमारी खेती को नुकसान करते हैं इसलिए हम इन्हें बाहर नहीं निकलने देंगे। बताया गया की रेस्क्यू टीम में उपस्थित कार्यकर्ताओं के साथ ग्रामीणों ने गाली-गलौज और बदसलूकी भी की है लेकिन उपस्थित पुलिस वालों ने मामले को संभालते हुए गोवंशों को सुरक्षित बाहर निकलवाया।
दोषियों के विरुद्ध दर्ज हो एफआईआर – शिवानंद द्विवेदी
पुलिस अभी भी इस घृणित कार्य में संलिप्त आपराधिक तत्वों के विरुद्ध कार्यवाही कर पाने में असमर्थ रही है। इस अपराध को कार्य करने वाले असामाजिक तत्वों पर कोई भी दर्ज नहीं हुई है। हालांकि सामाजिक कार्यकर्ता शिवानंद द्विवेदी ने कहा है कि पूरे मामले में आरोपियों को चिन्हित करते हुए मध्य प्रदेश गोवंश वध प्रतिषेध अधिनियम 2004, पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 की धारा 11 एवं भारतीय दंड संहिता की धारा 429 की धाराओं के तहत अपराध पंजीबद्ध किया जाकर कार्यवाही की जानी चाहिए।
स्पेशल ब्यूरो रिपोर्ट रीवा मप्र