छत्तीसगढ़प्रमुख खबरें

नरईबोध में सैकड़ों महिलाओं ने ली किसान सभा की सदस्यता : इकाई गठन के साथ 5 सितंबर गेवरा खदान बंद का आह्वान

कोरबा। “हर गांव में किसान सभा, किसान सभा में हर किसान” के नारे के साथ कोरबा जिले के कटघोरा ब्लॉक में नरईबोध गांव से छत्तीसगढ़ किसान सभा की इकाईयों के गठन की शुरुआत हो गई है। इस अवसर पर सैकड़ों महिलाओं ने किसान सभा की सदस्यता ली तथा ग्राम इकाई का गठन किया गया। कांति कंवर को अध्यक्ष, प्रमिला महंत को सचिव के साथ उपाध्यक्ष संतोषी कंवर व गिरजा बाई, सहसचिव जीरा बाई व कुसुम बाई तथा कार्यकारणी में अमृता बाई, अघन बाई, कनकन बाई, गीता बाई, सुकलन बाई, लक्षमनिया, सुनीता महंत, चम्पा बाई, रामकुंवर को चुना गया।

नरइबोध इकाई गठन में किसान सभा नेता जवाहर सिंह कंवर, प्रशांत झा, दीपक साहू आदि भी उपस्थित थे। प्रशांत झा ने गांवों में विस्थापन की समस्या को सबसे बड़ी समस्या बताते हुए कहा कि नरईबोध सहित कई प्रभावित गांवों में ग्रामवासी कई पीढ़ियों से निजी, शासकीय एवं वन भूमि पर बसे हुए हैं। विभिन्न विकास परियोजनाओं के नाम पर वास्तव में उन्हें इन गांवों से विस्थापित करने की योजना बन रही हैं। उन्होंने कहा कि इन्हें हटाने से पूर्व जिला प्रशासन तथा एसईसीएल के अधिकारियों को इनकी बसाहट की व्यवस्था करनी होगी तथा ऐसी भूमि पर बने मकानों व अन्य परिसंपत्तियों का मुआवजा भी देना होगा। किसान सभा के दीपक साहू ने कहा कि भूमि अधिग्रहण में छोटे खातेदार ज्यादा प्रभावित होते हैं। उन्हें रोजगार तक नहीं दिया जाता।

किसान सभा के नरईबोध इकाई गठन के बाद अध्यक्ष कांति कंवर एवं सचिव प्रमिला महंत ने गांव में विस्थापन की समस्या, ब्लास्टिंग, मुआवजा, छोटे खातेदारों के रोजगार और बेरोजगारी की समस्या को बड़ी समस्या बताते हुए कहा कि हमारे सामने संघर्ष के मैदान में उतरने के अलावा और कोई रास्ता नहीं है। सम्मेलन में किसानों ने विस्थापन और रोजगार के सवाल पर संघर्ष तेज करने का निर्णय लेते हुए 5 सितंबर को गेवरा खदान बंद आंदोलन का समर्थन किया तथा बड़ी संख्या में महिलाओं को भी आंदोलन में शामिल होने का आह्वान किया।

नराइबोध में सदस्यता अभियान और इकाई गठन में दामोदर श्याम, रेशम यादव, दीनानाथ के साथ बड़ी संख्या में ग्रामीण महिलाएं उपस्थित थी।

Related Articles

Back to top button