गृहस्वामिनी इंटरनेशनल ई मैगजीन और वर्ल्ड राइट्स फोरम के संयुक्त तत्वावधान में आजादी के अमृत महोत्सव पर कार्यक्रम आयोजित

भारत के महानायक:गाथावाली स्वतंत्रता से समुन्नति की जिसमें भारत के 75 महानायकों को 75 साहित्यकारों द्वारा 75 दिन अविराम साहित्यिक श्रद्धांजलि अर्पित की गई।इस श्रृंखला में हम इतिहास के पन्नों से कुछ ऐसे भारत के निर्माताओं और महानायकों को स्मरण एवं नमन किया गया जिनके त्याग, तपस्या , वीरता , कर्मठता ने आजाद भारत के स्वप्न को साकार करने के पश्चात गौरवपूर्ण आधुनिक भारत के निर्माण में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।उनके कारण ही आज का भारत सबलता और स्वाभिमान से प्रगति की ओर अग्रसर है- जिसमें भारत के स्वंतत्रता सेनानी,नेता,सैन्य अधिकारी,प्रशासनिक अधिकारी,उद्योगपति,डॉक्टर्स,इंजीनियर, शिक्षक,लेखक, समाजसेवी आदि की महती भूमिका है और हम उन्हीं के जीवन से जुड़े विभिन्न पहलुओं, भारत के लिए उनके त्याग, तपस्या और योगदान पर विरुदावली का गान कर गौरवान्वित हो रहें थे।
यह कार्यक्रम 1 जून से 14 अगस्त तक लगातार 75 दिन रात आठ बजे गृहस्वामिनी इंटरनेशनल ई-मैगजीन के फेसबुक पटल पर आयोजित हो रही हैं,जिसकी अब तक 75 कड़ी का सफलता पूर्व आयोजन हुआ।इस कार्यक्रम का समापन के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप वरिष्ठ साहित्यकार परम आदरणीय ममता कालिया और परम आदरणीय पद्मश्री उषा किरण खान, पूर्व मुख्य सचिव नीरजा राजकुमार, सेवानिवृत्त आई ए एस डा अमिता प्रसाद ने अपना अनुभव साझा किया आजादी के पचहत्तर साल कितना बदला हिंदुस्तान । इस कार्यक्रम का संचालन तृप्ति मिश्रा ने किया।वहीं धन्यवाद ज्ञापन गृहस्वामिनी की संपादक और वर्ल्ड राइटर्स फोरम की संस्थापक अर्पणा संत सिंह ने इस आयोजन को सफल बनाने में भारत, अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका,कतर,यूएई,माॅरीशस आदि देशों के 85से भी अधिक साहित्यकारों का धन्यवाद किया। तृप्ति मिश्रा, रीता रानी, रानी सुमिता, सारिका फलोर, सारिका भूषण,मंजू श्रीवास्तव,मधु शर्मा का विशेष योगदान रहा।इस अवसर पर विरुदावली भारत रत्न सम्मान से साहित्यकारों को सम्मानित भी किया गया।