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जन्मदिन पर शहीद की वीरांगना की आराधना, पाद प्रक्षालन कर किया बलिदान को नमन!

नीमच। सामाजिक बदलाव और नई परंपराओं के सृजन में एक और पन्ना 24 सितंबर यानी आज के दिन लिखा गया. जब अपने जन्मदिन पर शहीद समरसता मिशन नीमच के वरिष्ठ साथी शैलेश जोशी जी ने पार्टी, पोस्टर और पटाखों से इतर शहीद की वीरांगना का गंगाजल से पाद प्रक्षालन कर अपना जन्मदिन मनाया.

दरअसल, मिशन के “सर्वोच्च बलिदान को सर्वोच्च सम्मान” के इस विचार को आत्मसात करते हुए शैलेश जी
नीमच के आंत्रीमाता गांव में रहने वाले शहीद नायक तेजसिंह के घर पहुंचे. बलिदान के 32 साल बाद शहीद की वीरांगना रामकन्या बाई उस वक्त भाव विभोर हो जब गंगा जल से उनके पावों को धोया गया. ऐसा सम्मान न देखा न सुना कल्पना तो दूर की बात है. साक्षात देवी स्वरूपा वीरांगना की चरण वंदना करते हुए उनके समर्पण एवं अतुलनीय बलिदान को नमन किया.

आपको बता दे अमर शहीद नायक तेजसिंह सेना में 13 ग्रेनेडियर्स में पदस्थ थे, 13 मार्च 1990 को सियाचिन ग्लेशियर पर “आपरेशन मेघदूत” में युद्ध के दौरान
पाकिस्तानी घूसपेठियों की गोलीबारी में वीरगति को प्राप्त हुए.इस अविस्मरणीय अवसर पर पूर्व सैनिक सेवा परिषद के जिला संगठन मंत्री कमलेश नलवाया, पूर्व सैनिक राजेंद्र जी सोनी, समाजसेवी महेश नागदा आंत्री माता, गौरव अवस्थी ने भी शहीद की वीरांगना को शाल श्रीफल और पुष्पगुच्छ भेंटकर कृतज्ञता ज्ञापित की.

राष्ट्र पर अपना समर्पण जीवन स्वाहा करने वाले क्रांतिधर्मा मोहन नारायण जी के १५ वर्षों के सतत संघर्ष, समर्पण के वैचारिक अनुष्ठान का ही नतीजा है की शहीदों के सम्मान को लेकर अब प्रदेश ही नहीं बल्कि देश में ऐसी नई परंपराओं का सृजन हो रहा है.

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