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102 महतारी एम्बुलेंस कर्मचारी और 108 संजीवनी एक्सप्रेस कर्मचारी 20 सितम्बर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर

प्रदेश में 2019 से 108 संजीवनी एक्सप्रेस सेवा का टेंडर जय अंबे इमरजेंसी सर्विसेस को दिया गया है।

रायपुर। संजीवनी 108/102 कर्मचारियो की मांगों व समस्याओं के निराकरण ना होने के कारण 20 सितम्बर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा रहें हैं।
संघ का कहना है कि अपनी मांगों और समस्यायों को लेकर विगत 29/05/2023 से 31/05/2023 तक सभी कर्मचारियों द्वारा काली पट्टी बांधकर कार्य किया गया था और दिनांक-02/06/2023 को तूता नया रायपुर में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन भी किया गया। साथ ही 09/06/2023 को एक दिन का सामहिूहिक अवकाश भी लिया गया था। लेकिन इनकी मांगों के संदर्भ में ठेका कंपनियों और स्वास्थ्य विभाग द्वारा आज तक किसी
भी प्रकार का कोई सकारात्मक पहल नहीं किया गया है।
2019 में 108 संजीवनी एक्सप्रेस सेवा का टेंडर जय अंबे इमरजेंसी सर्विस रायपुर को दे दिया गया ,जो केवल परिवहन का कार्य करती है।उक्त ठेका कंपनी पर गलत तथ्यों के आधार पर ठेका पाने का आरोप लगा था, मामला ईओडब्ल्यू तक पहुंचा। स्वास्थ्य विभाग भी जांच में गलत तथ्यों की पुष्टि की लेकिन आज तक उक्त ठेका कंपनी पर किसी भी प्रकार का कोई कार्यवाही नहीं होना, ठेका कंपनी पर जिम्मेदार लोगों का सरंक्षण और भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है। जय अंबे इमरजेंसी सर्विस ठेका कंपनी द्वारा न तो कर्मचारियों को समय पर वेतन दिया जाता हैऔर ना ही 2018 से 2023 तक वेतन वृद्धि का लाभ दिया गया।कर्मचारियों से 12- 15 घंटे काम लिया जा रहा है और किसी भी प्रकार का अतिरि क्त राशि नहीं दिया जाता । एम्बुलेंस में जीवन रक्षक आवश्यक उपकरण, दवाइयां एवं ऑक्सीजन की भी व्यवस्था नहीं रहती। जबकि टेंडर में उल्लखे है कि 2.5 लाख किलोमीटर एम्बुलेंस चल जाने पर नई एम्बुलेंस चलाई जाएगी। बावजूद इसके पुरानी एम्बुलेंस का ही संचालन कंपनी द्वारा अनवरत जारी है।

छत्तीसगढ़ की लाइफ लाइन कहीं जाने वाली जीवन रक्षक स्वास्थ्य सेवाओं को व्यवसाय और भ्रष्टाचार का साधन क्यों बना दिया गया है। प्रदेश में अच्छी स्वास्थ्य सेवाओं की गारन्टी देने वाले स्वास्थ्य विभाग और जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों को ध्यान देने की आवश्यकता है।

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