मछली पालन हेतु मिले सरकारी तालाब को जय काली मां मछुआ सहकारी समिति ने बिचौलिये को किया अवैध हस्तान्तरण

श्योपुर। जिले में समिति को मछली पालन हेतु पट्टे पर दिए सरकारी तालाब को बिचौलिये को तालाब हस्तान्तरण करने का मामला सामने आया है। दरअसल जिला श्योपुर के शैलेष बाथम आरटीआई एक्टिविस्ट द्वारा शिकायत की गयी थी कि मत्स्य उद्योग जय काली मां मछुआ सहकारी समिति के अध्यक्ष मातादीन जाटव के द्वारा बिहार की पार्टी को बुलाकर अपर ककेटा बांध में जाल डलवाये गए। जिसमें शिकायत शैलेष बाथम द्वार एसडीएम को सूचना दी गई थी। जिस पर कार्यवाही करते हुए सहायक संचालक की टीम ने दिनाक 22 दिसंबर को शाम 7 बजे छापामारी कारवाई कर बिहार की पार्टी के जाल जब्त किऐ एवं इंजन बोट जब्त की गई। लेकिन इस मामले मे अभी तक कोई एफआईआर नही की गयी है। मामले में आशंका है कि सहायक संचालक लक्ष्मी नारायण बमोरीया और आला अधिकारीयों क्या इसकी जानकारी थी? अगर नहीं तो क्या इन अधिकारियों की लापरवाही नहीं है? या फिर ये सब इन अधिकारियों की मिलीभगत से हो रहा है।
जानकारी के मुताबिक तालाब में 10 इंजन बोट चल रही थी जिसमें सिर्फ एक बोट की जब्ती बनाई। और क्या लक्ष्मी नारायण बामोरिया सहायक संचालक द्वारा मामले में लीपापोती कर दी गयी। अगर निष्पक्ष तरीके से जांच की जाती है तो दोषी अधिकारी पाये जायेंगे।
मत्स्य पालन विभाग द्वारा स्थानीय मछुआरों को रोजगार हेतु मछली मारने नही दी जाती है। जबकि मामले में राज्य से बाहर की पार्टी को बुलाकर मछली निकाली जाती है जिससे शासन को लाखों रूपय का राजस्व का घाटा हो रहा है जो की पूरी तरीके से मछुआ नीति 2008 के खिलाफ है इसलिए संबंधित के खिलाफ विभाग को एफआईआर दर्ज करनी चाहिए। कुछ जाल जब्त कर पंचनामा बनाकर मत्स्य पालन विभाग सहायक संचालक लक्षमी नारायण बामोरिया श्योपुर अधिकारी अपनी पीठ धपधपा रहे है जबकी इस मामले की गहराई से अगर जाँच की जाए तो कई अधिकारी इसमे दोषी पाए जा सकतें हैं!

