
महासमुन्द: आम आदमी पार्टी महासमुंद के नेता अभिषेक जैन और भूपेंद्र चंद्राकर ने जानकारी देते हुए बताया कि भारत सरकार के द्वारा रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने दो हजार के नोटों को सितंबर 23 तक वापस जमा करने का फैसला लिया है इसके बावजूद महासमुंद जिले में दो हजार के नोटों को आना जनता द्वारा दिये जाने पर कुछ खास लोगों द्वारा लेने से मना किया है रहा है जो कि राष्ट्रीय मुद्रा का अपमान राजद्रोह की श्रेणी का अपराध है, CRPC की धारा 124-A के तहत 3 साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है। – इसके अलावा ऐसे आरोपियों पर कोर्ट जुर्माना भी लगा सकता है।
ज्ञात हो कि महासमुंद के शराब दुकानों पर शराब लेने जाने वालों को यह बोलकर वापस भेज दिया जा रहा है कि हम दो हजार के नोट को नहीं लेंगे।
इससे यह प्रतीत होता है कि महासमुंद जिले के शराब दुकानदार आरबीआई के नियमो का खुला उलंघन कर रहे हैं,क्या ये दुकानदार अपने बड़े अधिकारियों के आदेश के अनुसार दबाव में है या फिर अपनी मर्ज़ी चला रहे हैं।
इन सभी शिकायतों को देख कर आम आदमी पार्टी के जिला अध्यक्ष भूपेंद्र चंद्राकर जी ने उग्र आंदोलन करने की चेतावनी जिला प्रशासन को देने जा रहे हैं।
ये सही पाया गया तो आबकारी अधिकारी और शराब बेचने वाले दुकानदारों पर एफआईआर करवाया जायेगा । इसकी पूरी जवाबदारी आबकारी अधिकारी की होगी।
आरबीआई के नियमो का खुला उलंघन करना इन जैसे लोगों को भारी पड़ेगा और इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज भी कराया जाएगा। आरबीआई ने जो दो हजार रुपए को वापस जमा करने का फैसला लिया है यह कहीं ना कहीं जनहित में तो होगा।
इस तरह से काम चलता रहा तो खाख़ काला धन वापस आ जाएंगी। जिस तरह से दो हजार रुपए को खपाने की या यूं कहें कि ब्लैक मनी को व्हाइट करने की कोशिश तो नहीं।
इन सभी शिकायतों को देखते हुए आम आदमी पार्टी के जिला अध्यक्ष भूपेंद्र चंद्राकर जी ने प्रशासन को चेतावनी कि है कि अपने हरकत में सुधार नहीं किया और शराब बेचने वाले दुकानदारों ने शराब प्रेमियों से कहीं दो हजार रुपए को लेने से इंकार किया तो आम आदमी पार्टी उग्र आंदोलन करने तैयार है जिसकी पूरी जवाबदारी शासन प्रशासन की होंगी।