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जनसंपर्क महासमुंद: छत्तीसगढ़ में सिरपुर महोत्सव का है विशेष महत्व

महासमुंद 03 फरवरी 2023/ छत्तीसगढ़ के विभिन्न स्थानों में महोत्सव व मड़ई-मेला का आयोजन ख़ास पर्व व तिथियों में किया जाता है। लेकिन सिरपुर महोत्सव का भी विशेष महत्व है। प्रतिवर्ष यह महोत्सव महानदी तट पर माघ पूर्णिमा के दिन से शुरू होता है। तीन दिवसीय सिरपुर महोत्सव 5 से 7 फ़रवरी 2023 तक आयोजित होगा। आस-पास गांव के लोग भोर के समय महानदी में स्नान कर गंधेश्वर नाथ मंदिर में पूजा अर्चना करते है। तीन दिवसीय महोत्सव का शुभारंभ खाद्य एवं संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत 5 फ़रवरी को करेंगे। समापन 7 फ़रवरी को होगा। महोत्सव के तीनों दिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अलावा जिला स्तरीय रामायण मंडली प्रतियोगिता का भी आयोजन होगा। इसके साथ ही विभिन्न विभागों द्वारा विकास गतिविधियों और विभागीय योजनाओं पर आधारित प्रदर्शनी, स्व-सहायता समूहों द्वारा स्टॉल में बिक्री हेतु सजेंगे। वहीं बच्चों के लिए झूले-सर्कस अन्य रोमांचक गतिविधियां देखने मिलती है। बच्चे युवा व सभी उम्र के लोग मेले में घूम-फिर कर रोमांचित होते है और अपनी खुशियों का इजहार करते हैं। सांस्कृतिक कार्यक्रमों में छत्तीसगढ़ लोक गीत, नृत्य, नाटक, नाचा, गम्मत, पंथी, कर्मा और डंडा नृत्य के साथ ही कत्थक एकल नृत्य, ओड़िशी नृत्य के साथ ही बॉलीवुड कलाकार ईशिता विश्वकर्मा एवं टीम मुंबई की प्रस्तुति देखने को मिलेगी।
सिरपुर को राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय हेरिटेज के रूप में विकसित करने और ज्यादा पहचान दिलानें शासन कटिबद्ध है। जो भी जरूरी कार्य है किए जा रहे है। सिरपुर बहुत ही विस्तृत है। जो लगभग 10 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है और इस तरह अन्य जगह विस्तारित बौद्ध केन्द्र नहीं हैं। सिरपुर, डोंगरगढ़ और मैनपाट को टूरिज्म सर्किट से जोडऩे की तैयारी की जा रही है। पर्यटन सर्किट से जुड़ जाने से इस ओर सैलानियों का रूझान बढ़ेगा। जल्दी ही सिरपुर पूरे विश्व मानचित्र पर अंकित होगा। छत्तीसगढ़ का प्राचीनकाल से ही सभी क्षेत्रों में बढ़-चढ़कर योगदान रहा है। छत्तीसगढ़ हमेशा से देवभूमि रहा है। सिरपुर शिव, वैष्णव, बौद्ध धर्मों के प्रमुख केन्द्र भी है।
सिरपुर अपनी ऐतिहासिक व पुरातात्विक महत्ता के कारण आकर्षण का केंद्र हैं। यह पांचवी से आठवीं शताब्दी के मध्य दक्षिण कोसल की राजधानी थी। यह स्थल पवित्र महानदी के किनारे पर बसा हुआ हैं। सिरपुर में सांस्कृतिक व वास्तु कौशल की कला का अनुपम संग्रह हैं। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल 2021 में सिरपुर बौद्ध महोत्सव में शामिल हुए थे। उन्होंने सिरपुर के विकास के लिए 213.43 लाख के कार्यों की घोषणा की। जिनमें भव्य स्वागत गेट का निर्माण, सिरपुर मार्ग 4 तालाबों का सौंदर्यीकरण, सिरपुर मार्ग पर 5 सुंदर सुगंधित कौशल्या उपवन निर्माण, कोडार-पर्यटन (टैटिंग व बोटिंग) कोडार जलाशय तट पर वृक्षारोपण और सिरपुर के रायकेरा तालाब आदि थी। मुख्यमंत्री की घोषणा अनुरूप सभी काम पूरे हो गए। सैलानियों के लिए रायकेरा तालाब में बोटिंग पिछले साल से शुरू हो गयी है। वही नज़दीक कोडार जलाशय में नौका विहार के लिए बोटिंग की सुविधा सैलानियों को उपलब्ध है। वहीं कम दाम पर टेंटिंग में ठहरने के इंतजाम भी किए गए हैं। फिलहाल चार टेटिंग लगाए गए है। जिसमें एक टेंटिंग में दो व्यक्तियों के सोने और आराम करने के लिए पर्याप्त जगह है। टूरिस्ट और बच्चों के लिए क्रिकेट, वॉलीबॉल, कैरम, शतरंज के साथ ही निशानेबाजी की सुविधा भी इस इको पर्यटन केंद्र में उपलब्ध है।
सिरपुर पहले से ही प्राकृतिक दृश्यों से भरपूर है। वृक्षारोपण के ज़रिए इसे और भी हरा-भरा किया जा रहा है। पर्यटकों के विश्राम सुविधा के लिए पाँच सुगंधित फूलों वाली सुंदर कौशल्या उपवन वाटिकाएं तैयार हो गई है। इन उपवनों में प्रतिदिन रामचरित मानस का पाठ, भजन-कीर्तन स्थानीय मंडलियों द्वारा किया जा रहा है। वृक्षारोपण में बेर, जामुन, पीपल, बरगद, नीम, करंज, आंवला आदि के पौधें शामिल किए गए है। ताकि ऐतिहासिक महत्व के साथ-साथ लोगों को जैव विविधता का ऐहसास भी हो। इस इलाके में राम वन गमन पथ में छह ग्राम पंचायतों को मुख्य केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। जिसमें अमलोर, लहंगर, पीढ़ी, गढ़सिवनी, जोबा व अछोला शामिल है। सड़क के दोनों किनारों पर फलदार, छायादार पौधें लगाए जा रहे है।


सिरपुर महोत्सवः
तीन दिन रहेगी सांस्कृतिक
कार्यक्रमों की धूम

महासमुंद 03 फरवरी 2023/ सिरपुर महोत्सव 5 से 7 फरवरी तक आयोजित होगा। तीनों दिन स्थानीय कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जायेंगे। सिरपुर महोत्सव में तीन तक सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम रहेगी। शुभारम्भ छत्तीसगढ़ खाद्य एवं संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत 5 फरवरी शाम को करेंगे। सिरपुर महोत्सव में तीनों दिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा जो इस प्रकार है। कार्यक्रम प्रतिदिन दोपहर 12ः30 बजे से शुरू होकर रात्रि 10ः00 बजे तक होंगे। रविवार 5 फरवरी को आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम इस प्रकार है।
दोपहर 12.30 बजे से 01.00 तक दिनेश साहू एवं साथी भोरिंग महासमुन्द द्वारा छत्तीसगढ़ लोक गीत, दोपहर 01.00 बजे से 01.30 तक छत्तीसगढ़ संस्कृति व परम्परा नृत्य नाटिका एकलव्य आवासी आदर्श विद्यालय भोरिंग महासमुन्द द्वारा नृत्य नाटिका, दोपहर 01.30 बजे से 02.30 तक रंजीत चक्रधारी नाचा गम्मत पार्टी सरायपाली द्वारा कोमाखान नाचा गम्मत की प्रस्तुति होगी। इसी प्रकार दोपहर 02.30 बजे से 03.00 तक सत के अंजोर पंथी नृत्य दल सोनदादर द्वारा पंथी नृत्य का प्रदर्शन होगा। दोपहर 03.00 बजे से 03.30 तक फलझरिया कर्मा पार्टी बिलखण्ड द्वारा कर्मा नृत्य, दोपहर 03.30 बजे से 04.00 तक योगराज चौहान एवं साथी रेवा मोंगरापाली बागबाहरा द्वारा डण्डा नृत्य तथा सायं 04.00 बजे से 04.50 तक छत्तीसगढ़ी लोक कला मंच लोक रागिनी परिवार ग्राम बरभाठा झलप महासमुन्द द्वारा लोक गीत नृत्य की प्रस्तुति होगी। शाम 04.50 बजे से 06.30 तक सिरपुर महोत्सव का उद्घाटन, सायं 6.30 बजे से 06..40 तक कुमारी भाव्या चन्द्राकर शिक्षक कालोनी रायपुर द्वारा कत्थक एकल नृत्य तथा सायं 6.40 बजे से 10..00 तक अलका चंद्राकर परगनिहा फुलवारी लोक कला मंच रायपुर द्वारा लोक कला मंच की प्रस्तुति होगी।
इसी प्रकार 6 फरवरी को दोपहर सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं होंगे इस दिन कार्यक्रम शाम 5 बजे से शुरू होंगे जो रात्रि 10ः00 बजे तक चलेंगे। सायं 05.00 बजे से 05.30 तक शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मोंहदा विकासखंड सरायपाली द्वारा कर्मा नृत्य, सायं 05.30 बजे से 06.00 तक शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय दुलारपाली विकासखंड बसना द्वारा डंडा नृत्य की प्रस्तुति देंगे। सायं 6.00 बजे से 06.10 तक कुमारी आस्था पटनायक कक्षा 6वीं की ओडिसी नृत्य एकल नृत्य तथा सायं 6.10 बजे से रात्रि 10.00 बजे तक लोक रंग अर्जुन्दा दुर्ग द्वारा लोक कला मंच की प्रस्तुति होगी।
सिरपुर महोत्सव के अंतिम दिन 7 फरवरी को कार्यक्रम दोपहर 3ः00 बजे से शुरू होकर रात्रि 10ः00 बजे तक चलेंगे। दोप. 03.00 बजे से 03.30 तक बाल कृष्ण राउत नाचा पिरदा विकासखण्ड महासमुन्द द्वारा राउत नाचा, दोपहर 03.30 बजे से 04.00 तक जय गौरी गौरा सुआ दल छपोराडीह सुवा नृत्य, सायं 04.00 बजे से 04.50 तक कौशिल्याबाई निर्मलकर खुर्शीपार सुरता कला मंच, खुर्सीपार देवरी द्वारा भरथरी गीत की प्रस्तुति होगी। सायं 6.30 बजे से 06..40 तक पूरना श्री राउत द्वारा ओडिसी नृत्य एकल नृत्य तथा सायं 6.40 बजे से रात्रि बजे 10.00 तक ईशिता विश्वकर्मा एवं टीम मुंबई द्वारा बॉलीवुड कलाकार की प्रस्तुति होगी

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