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मानव अधिकार दिवस के दिन जन स्वास्थ कर्मचारी यूनियन की जीवनयापन हेतु मांगें

दुर्ग। आज 10 दिसंबर मानव अधिकार दिवस के दिन जन स्वास्थ कर्मचारी यूनियन के पंडाल में मीटिंग किया गया जिसमे कर्मचारियों ने कहा कि लगातार मांग मांगने के अधिकार रोटी कपड़ा मकान के अधिकार को छीना जा रहा है हर इंसानों को कोई भी धर्म मानने का अधिकार है लेकिन आज मानव अधिकारों का हनन कर सांप्रदायिक दंगे का रूप दिया जा रहा है हम सब को क्या खाएंगे क्या पहनेंगे मानव अधिकार मिला है लेकिन फासीवादी सरकार इस पर भी रोक लगाने में लगी है जंगलों में रहने वाले आदिवासियों को जंगलो से बेदखल किया जा रहा है चाहे बस्तर हो या हसदेव हो ,जो लोग मजदूर किसान दलित आदिवासियों के हक के लिए बात करने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं को देशद्रोही या नक्सली के नाम पर जेलो में कैद किया जा रहा है चंदूलाल में स्वास्थ कर्मचारी लम्बे समय से अपने हक के लिए आवाज उठा रहे है उन्हे भी कुचलने का प्रयास जारी है केंद्र की सरकार देशभर में सांप्रदायिक दंगों की तरफ ले जाने का बयान बाजी कर रहे है बाबा साहब आंबेडकर के योगदान को मिटाने का साजिश जारी है नगरीय निकाय में काम करने वाले सफाई कर्मियों के साथ आज भी छुआ छूत का सामना करना पड़ रहा है काम करने के बाद 2,3 महीने तक वेतन नही मिलता यह भी मानव अधिकार का उलंघन है
स्वास्थ कर्मचारी यूनियन ने मानव अधिकार दिवस के अवसर पर संकल्प लिए की अन्याय के खिलाफ मुखर होगा देश भर के तमाम मेहनत कश जनता परेशान है
मीटिंग में सुमित परगनिहा दुलीचंद मनहरण किरण प्रभा शिवकुमारी संतोषी अनीता तारण कलादास आदि साथी उपस्थित थे।


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