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खास खबर : फर्जी सिम कार्ड रखने वाले हो जाए सावधान, अब एक आईडी से ले सकेंगे सिर्फ इतना सिम कार्ड, नहीं तो 3 साल का जेल या 50 हजार का लगेगा जुर्माना

सच तक इंडिया रायपुर नई दिल्ली। सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, सरकार सुरक्षा, सार्वजनिक व्यवस्था या अपराधों की रोकथाम के आधार पर दूरसंचार सेवाओं का नियंत्रण अपने हाथ में ले सकती है। इसके अलावा इस एक्ट में सिम कार्ड को लेकर भी कड़े प्रावधान किए गए हैं। सिम कार्ड क्लोन करने या किसी और के सिम कार्ड का दुरूपयोग करना अब दंडनीय अपराध की श्रेणी में आएगा।

26 जून से दूरसंचार अधिनियम 2023, आंशिक रूप से लागू होने जा रहा है। आंशिक रूप से मतलब ये है कि इस कानून की कुछ धाराओं के नियम लागू हो जाएंगे। दूरसंचार अधिनियम 2023 मौजूदा भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम (1885), वायरलेस टेलीग्राफी अधिनियम (1993) और टेलीग्राफ वायर (अवैध कब्जा) अधिनियम (1950) के पुराने विनियामक ढांचे की जगह लेगा। आज से अधिनियम की धारा 1, 2, 10 से 30, 42 से 44, 46, 47, 50 से 58, 61 और 62 के प्रावधान भी लागू हो जाएंगे।

फर्जी सिम कार्ड जारी करने पर रोक लगाने के लिए बिल में सख्त प्रावधान हैं। किसी भी तरह के सिम कार्ड फ्रॉड करने पर तीन साल की जेल और जुर्माना लगेगा। बिल के तहत फर्जी सिम कार्ड बेचने, खरीदने और इस्तेमाल करने पर भी तीन साल तक की जेल या 50 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है।

सिम बेचने के लिए बायोमेट्रिक डाटा लिया जाएगा उसके बाद ही सिम जारी होगा। एक पहचान पत्र पर 9 से ज्यादा सिम कार्ड होने पर 50 हजार रुपये का जुर्माना है। दूसरी बार यही काम करने पर 2 लाख रुपये तक का जुर्माना है। नए विधेयक में प्रमोशन मैसेज को लेकर भी बदलाव किए गए हैं। टेलीकॉम कंपनियों को प्रमोशनल मैसेज भेजने से पहले सरकार से इसकी इजाजत लेनी होगी।

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