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गोल्डन बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड में शामिल “चंद्रयान तीन विश्व कीर्तिमान” ग्रंथ का भव्य विमोचन

सच तक इंडिया रायपुर दिनांक-23.06.24 को रायपुर वृंदावन हॉल में छत्तीसगढ़ स्वाभिमान संस्थान के तत्वावधान में चंद्रयान तीन विश्व कीर्तिमान ” जो एक विश्वस्तरीय विशाल काव्यमयी साझा संकलन है का भव्य विमोचन हुआ।इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मान.राजेश्री महंत रामसुंदर दास जी महाराज रहे जो मठाधीश्वर दूधाधारी मठ रायपुर, शिवरीनारायण एवं पूर्व विधायक रहें है।अतिविशिष्ट अतिथि के रूप में डॉक्टर सुशील त्रिवेदी जीआई ए एस पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त (छत्तीसगढ़ शासन) एवं साहित्यकार संपादक, विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ.उदयभान सिंह चौहान जी भागीरथ छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण, डॉ. स्नेहलता पाठक छत्तीसगढ़ की प्रथम हास्य व्यंगकार, श्री रामेश्वर शर्मा वरिष्ठ साहित्यकार, समीक्षक, वर्ल्ड रिकार्ड होल्डर, डॉ.शकुंतला तरार जी साहित्यकार संपादक, डॉ.सोनल राजेश शर्मा संवाददाता गोल्डन बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड, रायपुर जी रहे।

कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती वंदना से किया गया जिसे डॉ.सुधा देवांगन ने घनाक्षरी में वंदना की।डॉ.आशा आजाद जी द्वारा स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया।श्रीमती उर्मिला देवी ने स्वागत भाषण में किताब की संपूर्ण जानकारी दी।अतिथियों के सम्मान के पश्चात *चंद्रयान तीन विश्व कीर्तिमान ग्रंथ” का विमोचन अतिथियों द्वारा किया गया।मान.राजेश्री महंत राम सुंदर दास जी महाराज द्वारा कहा गया कि छत्तीसगढ़ राज्य की यह बहुत बड़ी उपलब्धि है विश्व की प्रथम किताब जो भारत के चंद्रयान पर लिखी गई है, वैज्ञानिकों के अनुसंधान को बहुत ही सुंदर काव्य रूप में अलंकृत किया गया है।भारत के 21 अन्य राज्यों के साथ,छत्तीसगढ़ के 100 साहित्यकार के साथ, विदेशो से भी इस किताब में जुड़े है यह बड़े ही गर्व की बात है राज्य से जब ऐसे अनूठे कार्य होते रह़े तो भारत देश निश्चित ही गौरान्वित होगा। डॉ सुशील त्रिवेदी जी ने कहा कि वैज्ञानिक उपलब्धियो पर इस प्रकार के काव्य संग्रह का यह प्रथम एवं अद्भुत प्रयास अत्यंत प्रशंसनीय है। छत्तीसगढ़ राज्य से यह बहुत ही सुंदर पहल हो रही है जहाँ हम साहित्य के माध्यम से राज्य का ही नहीं वरन देश का गौरव बढ़ा रहें है।डॉ.सोनल शर्मा छत्तीसगढ़ की गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड होल्डर प्रभारी के द्वारा संपादक द्वय के साथ साथ सभी अमूल्य सहभागिता प्रदान करने वाले कलमकारों का सम्मान हुआ।इस मंच से कई साहित्यकारों की किताबों का विमोचन हुआ डॉ.आशा आजाद की, “आशा की सुपुष्पित अभिव्यक्ति” छंदमयी संग्रह, डॉ.सुधा देवांगन-सुचि समरस भाव, छंदबद्ध संग्रह, डॉ.लूनेश कुमार वर्मा की, 1-उदय प्रकाश की प्रसिद्ध कहानी तिरिछ का संस्कृत अनुवाद ‘तिरिछ:2-खिलता पुष्प- हिंदी हायकु संग्रह, 3-जीवन एक नदिया है-कविता संग्रह-4-राम अपने धाम,हिंदी हायकु संग्रह का अतिथियों के द्वारा विमोचन हुआ।इस किताब में सम्मिलित छत्तीसगढ़ राज्य ही नहीं वरन देश , विदेश से भी इस विषय विशेष पर अपनी रचनाओं के माध्यम से “चंद्रयान तीन विश्व कीर्तिमान” में अपनी रचनाओं के माध्यम से इस काव्य संकलन को अलंकृत किया है।जिसमें विश्वस्तर के 123 साहित्यकार सम्मिलित है जिसमें छत्तीसगढ़ राज्य के 100 साहित्यकार एवं भारत के विभिन्न राज्यों से 21, आस्ट्रेलिया से 01 एवं अमेरिका से 01 साहित्यकारों ने अपना काव्य सृजन कर विश्व कीर्तिमान में अपना विशेष योगदान दिया है।यह विशाल काव्यमयी साझा संकलन भारत की उपलब्धि पर भिन्न भिन्न अभिव्यक्तियों पर आधारित है जिसमें कुल 150 पृष्ठ है।

इस ग्रंथ के संपादक के रूप में छत्तीसगढ़ राज्य में जन्मीं डॉ.आशा आजाद “कृति” मानिकपुर कोरबा छत्तीसगढ़ से एवं श्रीमती उर्मिला देवी “उर्मि” रायपुर, छत्तीसगढ़ के सहयोग से तैयार किया है। यह काव्य साझा संकलन भारत देश को समर्पित है जिसमें साहित्यकारों ने अपनी अमूल्य भूमिका निभाई है।सभी साहित्यकारों को राज्यस्तरीय सम्मान, छत्तीसगढ़ स्वाभिमान संस्थान, गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड एवं वैदिक प्रकाशन दिल्ली द्वारा साहित्यकारों को सम्मानित किया गया।

इस ग्रंथ को गोल्डन बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड में स्थान प्राप्त हो चुका है…

First poetry book on Indian lunar mission

 भारतीय चंद्र मिशन पर पहली काव्य पुस्तक

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉ.उदयभान सिंह चौहान जी ने कार्यक्रम में उपस्थित साहित्याकारों का अभिवादन कर इतिहास रचने हेतु बधाई दी।कार्यक्रम का आभार प्रदर्शन श्रीमती उर्मिला देवी जी द्वारा किया गया।डॉ.आशा आजाद द्वारा कार्यक्रम के श्रेष्ठ संचालन किया गया। इस कार्यक्रम में मुंबई एवं विभिन्न राज्यों से आए हुए साहित्यकार राजकुमार छापड़िया, डॉ.सुधा देवांगन, डॉ.गीता विश्वकर्मा, डॉ.गुलशन खम्हारी, डॉ.आशा मेहर, सुषमा पटेल, मधु तिवारी, नरेन्द्र वैष्णव, प्रमोद कुमार आदित्य ,उमा स्वामी,अंजना सोनी,शनि प्रधान, संतोष प्रधान,बी.के चतुर्वेदी, गार्गी चटर्जी, ध्रुबोता चटर्जी, रूचि पंथ,ओज शर्मा आदि अलग अलग जिलों से आए साहित्यकार सम्मिलित हुए।

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