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विश्व आदिवासी दिवस पर सामाजिक वैचारिक संगोष्ठी तथा सेवा व प्रतिभा सम्मान समारोह आयोजित

 

रायपुर। 9 अगस्त 2023 को गोंडवा भवन टिकरापारा रायपुर में गोंडी धर्म संस्कृति संरक्षण समिति, छत्तीसगढ़ गोंडवाना संघ एवं गोंडवाना समाज अधिकारी कर्मचारी रायपुर के संयुक्त तत्वावधान में संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा घोषित विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर “सामाजिक वैचारिक संगोष्ठी तथा सेवा व प्रतिभा सम्मान समारोह” का कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि मान श्री बृजमोहन अग्रवाल जी ( पूर्व मंत्री एवं विधायक रायपुर
दक्षिण), अध्यक्षता- श्री चन्द्रभान नेताम जी ( अध्यक्ष गोंडी धर्म संस्कृति संरक्षण समिति रायपुर ), संयोजक – श्री लच्छण मरकाम जी, प्रदेश उपाध्यक्ष श्री विजय तुमरेकी जी, कोषाध्यक्ष श्री गौकरण कुंजाम, महासचिव श्री आर. के. कुंजाम, प्रांतीय सचिव श्री गजानंद नुरूटी, पूर्व प्रांता सचिव श्री प्रीतम छेदैहा, गोंडवाना कर्मचारी रायपुर – अध्यक्ष सर्वश्री मोहित दर्रो, उपाध्यक्ष – तारणसिंह कुंजाम,
सलाहकार – तुलसीराम नेताम, सचिव जगदीश नेताम, प्रचारक – रामाधार गावड़े, युवा प्रकोष्ट-प्रांताध्यक्ष कु. शांता सिदार जी, संयोजक डॉ. दिलीप पोर्ते, कोषाध्यक्ष अनुराधा कुंजाम, सचिव अश्वनी छेदैहा, जिला अध्यक्ष ऐश्वर्या कुंजाम सहित 2500 की संख्या में उपस्थिति रही।

इस अवसर पर सामाजिक जागृति एवं संगठन को देने में बहुमूल्य सहयोग प्रदान करने के लिए डॉ. दिलीप सिंह पोर्ते, सर्व तिरू रवि मरकाम ( प्रधान पाठक शिक्षा विभाग ), ब्रम्हानंद कोर्राम (प्रधान पाठक शिक्षा विभाग), जीवनलाल उसारे ( मीडिया प्रभारी ), इतवारी नेताम (गोंडी धर्म संस्कृति संरक्षण समिति), जग्गू ठाकुर (अध्यक्ष गोंडवाना समाज परिक्षेत्र रायपुर ), महेन्द्र ध्रुव उप निरीक्षक,
पुलिस मुख्यालय रायपुर, तिरूमाय वेदवती दरों जी ( थाना प्रभारी माना रायपुर ), तिरूमाय भावना कतलम जी (रसायनज्ञय), ईशर गवरा मातृशक्ति संगठन पारस नगर रायपुर, गोंडवाना समाज सेवा समिति युवा शक्ति डब्ल्यूआरएस कॉलोनी रायपुर, गोंडवाना सेवा समिति मातृशक्ति शक्ति डब्ल्यूआरएस कॉलोनी रायपुर, छात्रा ठाकुर महिमा नुरूटी (पंचशीलनगर रायपुर ), गोंडवाना के
लईका संयुक्त करमा नृतक दल जिला बेमेतरा, कबीरधाम (छ.ग.) आदि को प्रतीक चिन्ह देकर आयोजक समिति द्वारा सम्मानित किया गया।
वक्ताओं ने आये दिन समाज के साथ हो रहे घृणित कार्य, अन्याय, अत्याचार, शोषण तथा मौलिक एवं संवैधानिक अधिकारों का हनन के विरूद्ध संगठित, जागृत होकर पुरजोर विरोध करने, समाज के हर बच्चे को शिक्षित, संस्कारित कर सुरक्षा सहयोग प्रदान करने की अपील की गई।
प्रांतीय सचिव गजानंद नुरूटी ने बताया कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद पूरे विश्व में शांति स्थापना
के साथ साथ विश्व के देशों में पारस्परिक मैत्रीपूर्ण समन्वय बनाना, एक दूसरे के अधिकारों, स्वतंत्रता को सम्मानपूर्वक बढ़ावा देना, विश्व से गरीबी उल्मूलन, शिक्षा स्वास्थ्य के विकास को लेकर 24 अक्टूबर 1945 को संयुक्त राष्ट्र संघ का गठन किया गया, जिन्होंने महसूस किया कि
आजादी के 50 वर्ष बाद भी विश्व के 90 देशों में निवासरत 5000 आदिवासी समुदाय, जिनकी अपनी 7000 बोली भाषाएं वर्ष 2011 के जनगणनानुसार करीब 37-38 करोड़ की आबादी होने के बावजूद भी इनके अधिकारों का सबसे ज्यादा हनन हो रहा है।

संयुक्त राष्ट्र संघ ने आदिवासियों की अधिकारों को लेकर अन्तर्राष्ट्रीय कार्यदल का गठन किया, जिसकी प्रथम बैठक 9 अगस्त 1982 को जेनेवा में हुआ। प्रथम बैठक के स्मरण में 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस मनाने की घोषणा की गई। वहीं संयुक्त राष्ट्र संघ ने 1994 को आदिवासी वर्ष घोषित किया । 23 दिसंबर 1994 को संयुक्त राष्ट्र संघ ने वर्ष 1995 से 2004को प्रथम आदिवासी दशक तथा 2005 से 2014 को द्वितीय आदिवासी वर्ष घोषित किया। जिसका मूल मकसद आदिवासियों के मानव अधिकार, पर्यावरण, शिक्षा, स्वास्थ्य, आर्थिक एवं सामाजिक
विकास के मुद्दों को सुलझाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करना है।
9 अगस्त पूरे विश्व के आदिवासी / मूलनिवासियों के लिए बहुत बड़ा दिन है, ऐतिहासिक दिवस है। इस दिन हम सभी आदिवासी अपनी मूल समस्याओं, मौलिक एवं संवैधानिक अधिकारों का हो रहे हनन तथा निराकरण के उपाय पर चर्चा करते हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा आदिवासियों की
अधिकारों, सुरक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस प्रतिवर्ष मनाने के निर्णय का स्वागत, प्रशंसा करते हैं।
उद्देश्य : सामाजिक संगठन को बढ़ावा तथा समाज में एकता का संदेश देना, अपनी मूल समस्याओं से अवगत होकर निराकरण का प्रयास करना, आदिवासियों के साथ आये दिन हो रहे घृणित कार्य, अन्याय, अत्याचार एवं शोषण का विरोध करना, संयुक्त राष्ट्र संघ के मंशानुरूप
सहयोग प्रदान करना आदि।

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