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सिपाही से मिलकर की जा रही थी गौ तस्करी….पुख्ता साक्ष्य के बाद आरक्षक डिलेश्वर पठारे को भेजा गया जेल

सच तक इंडिया रायपुर दुर्ग पुलिस ने अपने ही एक आरक्षक को गौ तस्करी के मामले में संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार किया है। आरक्षक डिलेश्वर पठारे पाटन थाने में पदस्थ था और गौ तस्करों से मिलकर तस्करी करवाता था। पुलिस ने आरक्षक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। एसडीओपी पाटन आशीष बंछोर ने बताया कि बीते 10 सिंतबर को पाटन के फुंडा गांव स्थित एक फार्म हाउस में उनकी टीम ने रेड मारी थी। पुलिस के पहुंचने से पहले ही आरोपी वहां से फरार हो गए थे। पुलिस ने मौके से ट्रक में भरे और फार्म हाउस में बंधे हुए 46 मवेशियों का रेस्क्यू किया था।

जांच करने पर पता चला कि गौ तस्करी का मुख्य आरोपी संजयगिरी गोस्वामी है। उसी के फार्म हाउस में बेजुबानों को ट्रक में ठूंसकर भरा जाता है और फिर मध्य प्रदेश के कटनी कत्लखाना भेजा जाता है। पुलिस ने जब संजय का सीडीआर खंगाला तो पता चला कि पाटन थान में पदस्थ आरक्षक डिलेश्वर पठारे लगातार उसके संपर्क में था।

पुलिस ने जब फार्महाउस में रेड मारी तो डिलेश्वर पठारे ने संजय को फोन करके इसकी जानकारी दे दी थी। इसलिए वो गाड़ी और मवेशी छोड़कर वहां से अपने साथियों के साथ फरार हो गआ। सिपाही के खिलाफ पुख्ता साक्ष्य मिलने के बाद एसडीओपी अशीष बंछोर ने उसे गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद उच्च अधिकारियों के निर्देश पर आरक्षक डिलेश्वर पठारे के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर उसे न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया। इस मामले में फरार मुख्य सरगना की पुलिस तलाश कर रही है।

दुर्ग जिला गौ तस्करी का गढ़ बनता जा रहा है। दुर्ग पुलिस ने पिछले एक साल में 500 से अधिक मवेशियों को कत्लखाना जाने स बचाया है। 10 तारीख को पाटन में छापेमारी के दो दिन बाद पुरानी भिलाई पुलिस ने भी एक बड़ी कार्रवाई करके 74 मवेशियों को तस्करी से बचाया था। इसके बाद सभी का मेडिकल चेकअप कराकर उन्हें गौ सेवा केंद्र भेजा गया था। पुलिस ने इस मामले में विशाल भारती उर्फ विक्की, संगीत मधुकर उर्फ टेटे और उसके साथी गिरफ्तार किया था। कुछ महीने पहले उतई पुलिस ने बड़ी संख्या में गौ वंश को पकड़ा था। उन्हें थाने में रखा गया था। इसके बाद समाजिक लोगों की मदद से उन्हें गौशाला भिजवाया गया था।

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