दो सूत्री मांगो को लेकर स्कूल रसोईया संघ का 26 से 28 जुलाई तक प्रदर्शन जारी


रायपुर। स्कूल रसोईया संघ को स्कूलों में कार्य करते 27 वर्ष हो चुके हैं इनकी नियुक्ति सन 1995 में हुई थी, इस कार्य को लगभग 80000 महिला और पुरुष कर रहे हैं संघ के द्वारा लंबे समय से कलेक्टर दर की मांग करते आ रहे हैं परंतु आज तक आश्वासन के अलावा और कुछ नहीं मिला है। रसोइयों को प्रतिमाह 1500 मानदेय मिलता है।
रसोईया संघ का कहना है कि 2 घंटे कार्य करने का मानदेय मिलता है परंतु 6 घंटे कार्य करना पड़ता है जैसे कि सुबह 9 बजे से कार्य में जुट जाते है और दोपहर 3 बजे तक स्कूलों में कार्य करते है। पूरा दिन स्कूल में व्यतीत करना पड़ता है। जिसके कारण दूसरा कोई कार्य नहीं कर पाते है जिससे की हमारी दिनभर से मजदूरी दर वंचित रहना पड़ता है। इस महंगाई भरे दौर में 1500 रूपये
महीने में परिवार का भरण-पोषण नहीं कर पाते है। जिससे की हमारे परिवार को आर्थिक मानसिक रूप में समस्याओं से जूझना पड़ता है। कर्ज के सहारे जीवन व्यतीत करने को मजबूर हैं
। कम मानदेय होने के कारण रसोईयों की स्थिति दिनो-दिन दयनीय होती जा रही है। हम अपने परिवार को अच्छी स्वास्थ्य और शिक्षा उपलब्ध नहीं करा पा रहे है। इसलिए राजधानी के बूढ़ा तालाब में 26 से 28 जुलाई तक मांग प्रदर्शन कर 28 जुलाई को पूरे प्रदेशभर के स्कूल रसोईया संघ रैली निकालकर मुख्यमंत्री निवास का घेराव करेंगे।
उक्त जानकारी संघ के पदाधिकारी रायपुर संभाग अध्यक्ष नीलू ओग्रे, सचिव संदीप तिवारी, कोषाअध्यक्ष लोकेश चंद्राकर ने दी।
रसोईया संघ की मांग :
1. पूर्णकालीन कलेक्टर दर पर मानदेय भुगतान करते हुए
नियमितीकरण किया जाए।
- 2.कार्य से निकाले गये रसोईयों को वापस कार्य पर रखा जाये।