नेपाल में जल्द मिल सकती है जन्म के आधार पर नागरिकता

प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा के नेतृत्व वाली नेपाल की गठबंधन सरकार ने नया नागरिकता विधेयक तैयार कर लिया है।


नए तैयार किए गए बिल में बच्चों को नेपाल में जन्म के आधार पर नागरिकता देने का प्रावधान भी किया गया है। इसमें कहा गया है कि नेपाली महिला से जन्म लेने वाले बच्चे/बच्ची को नेपाल की नागरिकता हासिल करने का हक होगा, भले उसके पिता के बारे में जानकारी उपलब्ध ना हो। बच्चा अगर नेपाल में रह रहा हो, तो उसे नागरिकता प्रदान की जाएगी। हालांकि इसमें यह प्रावधान भी जोड़ दिया गया है कि अगर बाद में यह पता चला कि बच्चे का पिता विदेशी है, तो बच्चे की नागरिकता रद्द कर दी जाएगी। उस स्थिति में बच्चे को उस शर्त के आधार पर नागरिकता प्राप्त करने की अर्जी देनी होगी, जो नेपाल की नागरिकता चाहने वाले विदेशियों के लिए तय है।
इस बिल में दक्षिण एशिया सहयोग संगठन (सार्क) के किसी सदस्य देश की नागरिकता ले चुके नेपाली को अनिवासी नेपाली का दर्जा देने का प्रावधान किया गया है। अनिवासी नेपाली को नेपाल में वहां के नागरिक की तरह ही आर्थिक, सामाजिक, और सांस्कृतिक अधिकार मिलेंगे। लेकिन उसे राजनीतिक अधिकार नहीं मिलेगा।
नेपाली कांग्रेस को आम चुनाव में मधेस इलाके में मिलेगा फायदा
सरकारी सूत्रों ने कहा है कि इस बिल को संसद के मौजूदा सत्र में ही पास कराया जाएगा। समझा जाता है कि इस बिल के पारित होने पर लाखों बच्चों को नेपाल की नागरिकता मिलने का रास्ता साफ हो जाएगा, जो अभी नागरिक ना होने की वजह से संवैधानिक अधिकारों से वंचित हैं। इसी तरह हजारों महिलाओं को भी तुरंत नागरिकता मिल सकेगी।
समझा जाता है कि इस बिल के पास होने पर नेपाली कांग्रेस को अगले आम चुनाव में मधेस इलाके में बड़ा फायदा होगा। अब पर्यवेक्षकों की नजर कम्युनिस्ट पार्टियों पर टिकी है, जिन्होंने पहले विवाह करने वाली विदेशी महिलाओं को तुरंत नागरिकता देने का विरोध किया था। विश्लेषकों का कहना है कि अगर कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (माओइस्ट सेंटर) अपने पुराने रुख पर कायम रही, तो उससे सत्ताधारी गठबंधन में विवाद खड़ा हो सकता है। माओइस्ट सेंटर नेपाली कांग्रेस के नेतृत्व वाले सत्ताधारी गठबंधन में शामिल है।