छत्तीसगढ़प्रमुख खबरें

तृतीय लिंग विमर्श पर अंतरराष्ट्रीय सेमीनार 3 और 4 फरवरी को
मैट्स यूनिवर्सिटी के हिन्दी विभाग का आयोजन



देश-विदेश के विषय विशेषज्ञ, विद्वान, शोधार्थी और उभयलिंग समुदाय के सदस्य लेंगे हिस्सा



रायपुर। मैट्स यूनिवर्सिटी, रायपुर के हिन्दी विभाग द्वारा ’तृतीय लिंग विमर्शः कल, आज और कल’ विषय दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमीनार का आयोजन किया जा रहा है। देश व प्रदेश के उभयलिंगी समुदाय के उत्थान के उद्देश्य से आयोजित इस सेमीनार में छत्तीसगढ़ सहित देश व विदेश के प्रसिद्ध साहित्यकार, विषय विशेषज्ञ तथा तृतीय लिंग समुदाय के प्रतिनिधिगण हिस्सा ले रहे हैं। तृतीय लिंग विमर्श पर आयोजित किया जाने वाला यह छत्तीसगढ़ का प्रथम अंतरराष्ट्रीय सेमीनार है।
मैट्स यूनिवर्सिटी के हिन्दी विभाग की विभागाध्यक्ष एवं सेमीनार की संयोजक डाॅ. रेशमा अंसारी ने बताया कि इस सेमीनार का आयोजन 3 एवं 4 फरवरी 2023 को किया जा रहा है। इस सेमीनार में मुख्य अतिथि के रूप में पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केशरी लाल वर्मा, अमेरिका के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. प्रेम भारद्वाज, तृतीय लिंग विमर्श की प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. लता अग्रवाल (भोपाल), विश्व हिन्दी साहित्य सेवा संस्थान, प्रयागराज उत्तप्रदेश के अध्यक्ष डॉ. शेख शहाबुद्दीन, कॉटन यूनिवर्सिटी, गोवाहाटी, असम की प्राध्यापक डॉ. नूरजहां रहमतुल्ला, छत्तीसगढ़ तृतीय लिंग कल्याण बोर्ड की सदस्य एवं पं. रविशंकर शुक्ल सम्मान से सम्मानित सुश्री विद्या राजपूत, छत्तीसगढ़ तृतीय लिंग कल्याण बोर्ड की सदस्य सुश्री रवीना बरिहा और देश की प्रथम उभयलिंगी ज्योतिषी भैरवी अमरानी आमंत्रित हैं।
सेमीनार में देश-विदेश के प्राध्यापकों, शोधार्थियों द्वारा तृतीय लिंग विमर्श से संबंधित अनेक विषयों पर शोध पत्रों की प्रस्तुति की जाएगी। सेमीनार के उपविषयों में हिन्दी कथा साहित्य और किन्नर विमर्श, तृतीय लिंग विमर्श का इतिहास, आधुनिक हिन्दी पद्य साहित्य में किन्नर विमर्श, तृतीय लिंग विमर्शः वैश्विक परिदृश्य, बॉलीवुड और तृतीय लिंग, किन्नर समाज के उत्थान में साहित्य का योगदान, तृतीय लिंग समुदाय की अस्मिता और समाज, तृतीय लिंग समुदाय के सशक्तिकरण में सरकार की भूमिका, तृतीय लिंग के प्रति समाज का दृष्टिकोण, तृतीय लिंग समुदाय का सामाजिक योगदान, तृतीय लिंग समुदाय के संघर्ष और अकेलेपन का संकट प्रमुुख रूप से शामिल है। शोध सारांश प्रेषित करने की अंतिम तिथि 25 जनवरी 2023 एवं पूर्ण शोध पत्र प्रेषित करने की अंतिम तिथि 31 जनवरी 2023 निर्धारित की गई है। शोध पत्र हिन्दी एवं अंग्रेजी दोनों भाषाओं में प्रेषित किए जा सकते हैं। सेमीनार के उद्घाटन सत्र में स्मारिका का भी विमोचन किया जाएगा। हिन्दी विभाग की विभागाध्यक्ष डाॅ. रेशमा अंसारी ने बताया कि तृतीय लिंग जिसे थर्ड जेंडर कहा जाता है और वर्तमान में उभयलिंगी समुदाय के रूप में मान्यता प्राप्त है, उनके सशक्तिकरण की दिशा में भारत सरकार और छत्तीसगढ़ सरकार ने जो कदम उठाए हैं उसकी सराहना पूरे विश्व में हो रही है। छत्तीसगढ़ के तृतीय लिंग व्यक्ति आज न सिर्फ पुलिस विभाग में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं अपितु हिमालय भी फतह कर रहे हैं। वास्तव में वे भी समाज का ही हिस्सा हैं। अनेक विपरित परिस्थितियों के बीच समाज में अपने अस्तित्व को स्थापित करने में संघर्षरत तृतीय लिंग समुदाय के सशक्तिकरण की दिशा में मैट्स यूनिवर्सिटी के हिन्दी विभाग द्वारा आयोजित यह अंतरराष्ट्रीय सेमीनार एक और कदम है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button