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मेटरनल हेल्थ सेवा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं— आर. एम. ए. “दिव्या”

मरवाही जैसे जनजातिय एवं दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्र में आर. एम.ए. के द्वारा स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में बेहतर सराहनीय कार्य।

बिलासपुर / गौरेला – पेण्ड्रा – मरवाही। ज्ञातव्य है कि छत्तीसगढ़ के समुचे क्षेत्रों में शासन द्वारा बेहतर स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराया गया है। ऐसे पहुॅच विहिन ग्रामीण क्षेत्रों में भी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं एवं सेवा प्रदाताओं द्वारा स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराया जा रहा है। मेटरनल हेल्थ के अंतर्गत दी जाने वाली सेवा को ग्रामीणों क्षेत्रों में मजबूती प्रदान करने व सुदृढ़ीकरण में विशेष योगदान की बात जहाँ होती है, वहाँ छत्तीसगढ़ राज्य में विशेष तौर पर प्रषिक्षित (त्रि-वर्षीय पाठ्यक्रम ) सहायक चिकित्सा अधिकारी (ए. एम.ओ.) जिसको वर्तमान में
ग्रामीण चिकित्सा सहायक के रूप में जाना जाता है, कि भूमिका जमनी स्तर पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में महत्वपूर्ण रही है। ऐसे ही दूरस्थ एरिया मरवाही जिला – गौरेला – पेण्ड्रा – मरवाही जो कि पूर्व में बिलासपुर जिले के अंतर्गत था, में
स्वास्थ्य सेवा एक चुनौती पूर्ण रहा है, जन सामान्य को जहाँ गंभीर स्थिति में मरवाही जैसे सूविधा विहिन ग्रामीण क्षेत्र से बिलासपुर उपचार कराने हेतु 150 किलोमीटर की लंबी यात्रा करनी पड़ती कि दुखद एवं चिन्ता का विषय शुरू से रहा है। मरवाही के दूर-दूर कस्बों से आम जनता स्वास्थ्य सेवा हेतु सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मरवाही पहुँचते हैं।
आवश्यक स्वास्थ्य जाँच एवं अन्य सेवाऍ पाकर वे अपने गंतव्य को प्रस्थान करते हैं। शुक्रवार मारकेट के दिन ग्रामीण उपचार के लिए अस्पताल पहुँचते हैं। शासन के योजना अनुरूप 108, 104 एम्बूलेंस सेवा के कारण काफी राहत भरा सफर यहाँ के लोगों के द्वारा किया जाता है।
आस-पास के महिलाओं के बेहतर मातृत्व स्वास्थ्य सेवा हेतु सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मरवाही में भी एक ऐसी आर. एम. ए. पदस्थ होने की जानकारी मिली है। जो कि विगत 13 वर्षो से निरंतर बेहतर मेटरनल हेल्थ सेवा के लिए लगी हुई है। जब कि पता चला है कि शासन
द्वारा बेहतर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने हेतु अबतक लगभग 6 से 7 स्त्रीरोग विशेषज्ञ की पदस्थापना यहाँ पर की गई परन्तु वे यहाॅ रह कर अपनी सेवा नहीं दे पाये बल्कि उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों की जगह शहरों में सेवा देना उचित समझा इस तरह से आज भी सामुदायिक
स्वास्थ्य केन्द्र मरवाही में काई स्त्रीरोग विशेषज्ञ नहीं है। ऐसे स्थिति एवं परिस्थति में भी ग्रामीण चिकित्सा सहायक श्रीमती दिव्या न्योमि बेन्जामिन द्वारा अपने अधिनस्थ अधिकारियों के निर्देष एवं मार्गदर्शन में महिलाओं के बेहतर आवश्यक स्वास्थ्य सेवा देना बरकरार रखा है।
जो कि एक प्रेरणादायी एवं सरहानीय भूमिका है। प्रधानमंत्री मातृत्व सुरक्षा योजना के अंतर्गत प्रत्येक माह के 9 एवं 24 तारिख को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं खण्ड चिकित्सा अधिकारी के मार्ग दर्शन में आवश्यक संपूर्ण गर्भवती जॉच सेवा आर. एम.ए. के द्वारा
पूर्ण रूप से जिम्मेदारी पूर्वक निभाया जा रहा है। रात्रि कॉलीन प्रसव हेतु आपात कालीन सेवा के साथ-साथ उच्च जोखिम गर्भवती माताओं की पहचान कर उन्हें उचित स्वास्थ्य सूविधायें

प्रदान करने में भी इनका विशेष सराहनीय योगदान रहा है। किशोर / किशोरी स्वास्थ्य सेवा भी इनके द्वारा निरंतर दिया जाता है। चूंकि मरवाही आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है, इस कारण
स्वास्थ्य सेवा हेतु जन जागरूकता की बहुत कमी अभी भी बनी हुई है। अपने स्वास्थ्य को लेकर किशोरी बालिका सामान्य महिलाऍ एवं गर्भवती महिलाएँ कम जागरूकता के बावजूद महिला आर. एम.ए. के द्वारा दिये गये स्वास्थ्य शिक्षा के कारण बे-झिझक अपना इलाज कराने
आती है। घर में उपलब्ध पोषण आहार एवं शारीरिक साफ-सफाई के प्रति जानकारी ले कर जाती है। विश्व में चल रहे कोविड कॉल में भी आर. एम.ए. के द्वारा पूरे छतीसगढ़ में सराहनीय सेवा जान जोखिम में डालकर स्वास्थ्य सेवा प्रदान की गई जो कि सराहनीय है।
मरवाही का स्वास्थ्य केन्द्र छोटा भवन में होने के बावजूद महिलाओं के स्वास्थ्य जाँच के लिए जरूरी रक्त जॉच एच.बी., ब्लड ग्रुप, एच.आई.वी. सिफलिस, सिकलिंग, शुगर, मलेरिया, पेशाब जॉच, बी.पी., टी.बी. एवं आई टेस्ट आदि की सुविधा उपलब्ध है। गर्भवती महिलाओं के लिए
आवष्यक सोनोग्राफी जॉच हेतु, जिला चिकित्सालय भेजा जाता है। परन्तु पता चला है कि लंबी वेटिंग लाईन होने के कारण 03 दिन से लेकर एक सप्ताह का समय लग जाता है।
जिसके कारण दुरस्थ ग्रामीण क्षेत्रा से आये महिलाओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। यही कारण है कि लोग शासकीय जिला अस्पताल के बजाय प्राईवेट अस्पताल या सोनोग्राफी सेंटरों में जाना बेहतर समझते हैं। यह समस्या छत्तीसगढ़ के प्रत्येक जिलों में बनी
हुई है। उच्च जोखिम के रूप में पहचान की गई गर्भवती महिलाओं को मरवाही से जिला अस्पताल गौरेला – पेण्ड्रा – मरवाही भेजा जाता है। मरवाही क्षेत्र में वर्तमान विधायक डॉ. के.के. ध्रुव जो कि पूर्व में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मरवाही में खण्ड चिकित्सा अधिकारी के रूप में कार्यरत रहें हैं। इनके द्वारा पूर्व में पहुॅच विहिन क्षेत्रों का दौरा कर स्वास्थ्य सुविधायें उपलब्ध कराने का कार्य निरंतर की गई है। जिसके परिणाम स्वरूप जनता जनार्दन ने आज जन प्रतिनिधि (विधायक) के रूप में चुने गये हैं। छत्तीसगढ़ शासन एवं विधायक महोदय द्वारा भी
अपने अस्पताल के बेहतर स्वास्थ्य सुविधा एवं क्रियान्वयन के लिए ग्रामीण चिकित्सा सहायकों की भूमिका की सराहना की गई है। अन्य राज्यों में छत्तीसगढ़ त्रि-वर्षीय पाठ्यक्रम षिक्षा प्रणाली एक मॉडल के रूप में उभर कर आया है। जिसके लिए छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री स्व. अजीत जोगी जी की जितनी प्रसंशा की जाये कम हैं।


क्या आप जानते है ?
पहली डिलिवरी के सामान्य होने पर भी गर्भावस्था के दौरान समस्या कभी भी आ सकती है।
• परेशानियाँ तेजी से बढ़ सकती है व गंभीर रूप ले सकती है, यहाँ तक की बच्चे और माँ की जान भी जा सकती है।
आपातकाल के लिए तैयार रहें, अस्पताल जाने के लिए किसी वाहन का होना जरूरी है।

गर्भावस्था के दौरान आपको कोई भी स्वास्थ्य समस्या महसुस हो तो तुरंत किसी से
कहे।
अपने गांव की ए. एन. एम. बहन जी / आशा दीदी या निकटतम स्वास्थ्य केन्द्र से संपर्क
करें।
एक शरीर में दो जान, इनका रखें दूगना ध्यान |

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