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MP breaking: चौरी ग्राम पंचायत में लगभग 24 लाख रूपये की होगी वसूली, सीईओ जनपद गंगेव, सहायक यंत्री, उपयंत्री, सहायक लेखाधिकारी, और तत्कालीन सरपंच सचिव से होगी वसूली

व्यापक भ्रष्टाचार के मामले में सामाजिक कार्यकर्ता शिवानंद द्विवेदी की शिकायत पर हुई बड़ी कार्यवाही।

सीईओ जिला पंचायत रीवा स्वप्निल वानखेड़े ने जारी किया कारण बताओ सूचना पत्र।

दिनांक 21 सितम्बर 2022 रीवा मप्र

चौरी ग्राम पंचायत जनपद पंचायत गंगेव में व्यापक भ्रष्टाचार के मामले में सीईओ जिला पंचायत स्वप्निल वानखेड़े द्वारा गठित जाँच दल कार्यपालन यंत्री आर एस धुर्वे ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग रीवा की अगुआई में हुई जाँच के बाद जांच रिपोर्ट सामने आने से बड़े घोटाले का पर्दाफास हुआ है. अमूमन ग्राम पंचायत के विकास के लिए आने वाली राशि का कैसे सरपंच सचिव और अधिकारी मिलकर बन्दरवाट कर रहे हैं इसका एक ताजा उदाहरण रीवा गंगेव की चौरी पंचायत का सामने आया है.

तत्कालीन सीईओ जनपद, सहायक यंत्री, उपयंत्री सहित लेखाधिकारी और सरपंच सचिव से होगी वसूली

सीईओ जिला पंचायत रीवा द्वारा गठित आरईएस के जाँच दल द्वारा जांच रिपोर्ट सामने आने से बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं. जाँच रिपोर्ट में सरपंच सचिव और इंजिनियर के अलावा सीईओ जनपद और सहायक लेखाधिकारी को भी दोषी पाया गया है. सीईओ जिला पंचायत रीवा ने कारण बताओ सूचना पत्र क्रमांक 4880/धारा 40-92/जि0पं0/2022 दिनांक 16-09-2022 की नोटिस जारी करते हुए तत्कालीन जनपद पंचायत गंगेव, सहायक यंत्री गगेव, उपयंत्री गंगेव, सहायक लेखाधिकारी गंगेव सहित तत्कालीन सरपंच सविता जायसवाल और सचिव बुद्धसेन कोल के नाम पर 12 कार्यों में अनियमितता के लिए दोषी पाए जाने पर कुल 23 लाख 99 हज़ार 448 रूपये की वसूली बनाई गयी है. लगभग 24 लाख की इस कुल वसूली में तत्कालीन सीईओ जनपद गंगेव के नाम 01 लाख 49 हज़ार 207 रूपये, तत्कालीन सहायक यंत्री गंगेव के नाम 01 लाख 98 हज़ार 436 रूपये की वसूली, तत्कालीन उपयंत्री के नाम 01 लाख 98 हज़ार 436 रूपये की वसूली, तत्कालीन सहायक लेखाधिकारी के नाम 01 लाख 49 हज़ार 207 रूपये की वसूली जबकि तत्कालीन सरपंच सविता जायसवाल और सचिव के नाम पर बराबर-बराबर 8 लाख 52 हज़ार 131 रूपये की वसूली बनाई गयी है.

सिरमौर विधायक दिव्यराज सिंह ने भी पत्र लिखकर भ्रष्टाचार दबाने का किया था प्रयास

गौरतलब है की चौरी ग्राम पंचायत की जांच को विधायक सिरमौर भी प्रभावित करने का प्रयास कर चुके हैं. मौखिक और अन्य दबाब तो सामान्य बात हैं परन्तु यहाँ तो हद हो गयी जब सिरमौर विधायक दिव्यराज सिंह ने चौरी और सेदहा पंचायत के भ्रष्ट सरपंच सचिवों को बचाने के लिए अपने लैटर हेड में पत्र लिखकर सीईओ जिला पंचायत और ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के कार्यपालन यंत्री पर दबाब बनाने का प्रयास किया था जिसके बाद जांच टीम को बदल दिया गया था. लेकिन सामाजिक कार्यकर्ता शिवानंद द्विवेदी द्वारा पुनः सीईओ जिला पंचायत और कमिश्नर संभाग रीवा के समक्ष शिकायत प्रस्तुत किया जाकर जांच करवाई गयी जिसके बाद जो सामने आया उससे विधायक की भी करतूत अब सामने आ चुकी है. चूँकि जाँच में लगभग 24 लाख रूपये के उन कार्यों का भ्रष्टाचार सामने आया है जो मौके पर अब तक मिले ही नहीं हैं जबकि दर्जनों कार्य अभी भी ऐसे हैं जिनके जाँच के दस्तावेज ही उपलब्ध नहीं कराये गए जिसके चलते उन कार्यों का उचित मूल्यांकन और जाँच ही नहीं हो पायी है.

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