छत्तीसगढ़ के पीयूष जायसवाल बने दुनिया के सबसे कम उम्र के वैज्ञानिक



रायपुर। मात्र 13 वर्ष के पीयूष जायसवाल दुनिया के सबसे कम उम्र के साइंटिस्ट बन कर प्रदेश का नाम ऊंचा कर दिया है। इससे पहले यह उपलब्धि महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आईंस्टीन के नाम थी। अल्बर्ट आइंस्टीन को 17 साल की उम्र में सबसे कम उम्र के साइंटिस्ट होने का प्रमाणपत्र मिला था। दुनिया की सबसे बड़ी शोध संस्थाओं में से एक इंटरनेशनल जरनल्स ऑफ साइंटिफिक एंड इंजीनियरिंग ने अब पीयूष जायसवाल के नाम ये प्रमाणपत्र जारी किया है।
8वीं के छात्र पीयूष जायसवाल ने ब्रह्मांड के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी हासिल की है। 6 महीने की मेहनत से उन्होंने 20 पन्नों का शोध तैयार किया है, जिसमें में उन्होंने बताया कि ब्रम्हांड गुरुत्वाकर्षण बल पर टिका हुआ है और यह कैसे नष्ट हो सकता है।
IJSER ने दी पीयूष के शोध को मान्यता
पीयूष ने अपने 20 पन्नों के शोध को मेल के जरिए वाशिंगटन डीसी के आईजीएसईआर (इंटरनेशनल जनरल्स आफ साइंटिफिक एंड इंजीनियरिंग रिसर्च ) को अक्टूबर में भेजा था। तब उन्हें बिल्कुल उम्मीद नहीं थी कि उनके शोध को मान्यता मिल जाएगी। 27 दिसंबर को संस्था ने पीयूष के शोध को मान्यता देते हुए सर्टिफिकेट मेल कर दिया। यह भी लिखा कि बहुत जल्द ही पीएचडी की स्कालर और साइंटिस्ट की उपाधि भी उन्हें दी जाएगी।
रायपुर में बाल वैज्ञानिक पीयूष जायसवाल की रिसर्च बुक ‘वेलोसिटी मिस्ट्री’ का विमोचन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किया। गरियाबंद के रहने वाले पीयूष की किताब को सीएम आवास में लॉन्च किया गया। ‘वेलोसिटी मिस्ट्री’ करीब 3 महीने पहले मार्च में प्रकाशित हुई थी। गरियाबंद के रहने वाले 13 साल के बाल वैज्ञानिक पीयूष जायसवाल पर पूरे प्रदेश को गर्व है। उसकी किताब एस्ट्रोफिजिक्स विषय पर है। सीएम भूपेश बघेल ने प्रतिभावान छात्र की उपलब्धियों की सराहना कर उसे प्रदेश का गौरव बताया। उन्होंने पीयूष के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए उसे आशीर्वाद भी दिया। इस अवसर पर कांग्रेस नेता विनोद तिवारी, पीयूष के दादा केआर जायसवाल, पिता पीएल जायसवाल, मां सुनीता जायसवाल, बहन साक्षी के अलावा इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड की अथॉरिटी की सदस्य सोनल वर्मा भी मौजूद रहें।