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MP Breaking: सेदहा पंचायत के विकास को डकार गए दलाल, जांच में मिला व्यापक भ्रष्टाचार,सीईओ जिला पंचायत स्वप्निल वानखेड़े के आदेश पर हुई जांच

कार्यपालन यंत्री आर एस धुर्वे और तीन एसडीओ की टीम ने किया जांच// 50 लाख से अधिक की रिकवरी का अनुमान।।

दिनांक 3 अगस्त 2022 रीवा मध्य प्रदेश

दलाली प्रथा में पंचायतों के कितने बुरे हाल हैं इसका अंदाजा दिनांक 2 अगस्त 2022 को रीवा जिले के गंगेव जनपद की सेदहा पंचायत में हुई जांच में पाई गई व्यापक अनियमितता और भ्रष्टाचार से लगाया जा सकता है

गौरतलब है की रीवा जिला पंचायत सीईओ स्वप्निल वानखेडे के निर्देश पर 3 सदस्य टीम कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग क्रमांक 1 आर एस धुर्वे एसडीओ सिरमौर जितेंद्र अहिरवार एसडीओ त्योंथर एसआर प्रजापति गंगेव के सहायक यंत्री श्रीकांत द्विवेदी एवं उपयंत्री डोमिनिक कुजुर के द्वारा मंगलवार को 32 बिंदुओं की जांच की गई। शिकायती पत्र समाजिक कार्यकर्ता शिवानंद द्विवेदी के द्वारा दिया गया था।

कलवर्ट रपटा निर्माण में मिला व्यापक भ्रष्टाचार, किसी के व्यक्तिगत खेत पर बना दिया कलवर्ट रपटा

आदिवासी बस्ती से वन मार्ग को जोड़ने वाली कल्वर्ट रपटा निर्माण जिसकी लागत 14 लाख 49 हज़ार बताई गई है उसमें जांच के दौरान बेस और नींव मटेरियल नहीं मिला साथ में ऊपर की सरफेस भी डस्ट सफेद गिफ्ट से गुणवत्ताविहीन बनाई गई थी। खोदकर देखा गया तो पाया गया जिन मापदंडों में तकनीकी स्वीकृत हुई थी उस पर बिल्कुल कार्य नहीं हुआ है और पुल में कई जगह से दर्रे भी दिखे। इसी प्रकार किसी अशोक सिंह के खेत पर बस्तियों से दूर वीरान जंगल पहाड़ में एक अन्य रपटा निर्माण मिला जहां आदमी तो पहुंचे नही बल्कि जंगली जानवरों और भूतों का डेरा रहता है। इसमें भी सही तरीके से न बनने के कारण पानी के बहाव में रपटा टूटा हुआ पाया गया जबकि सरफेस भी बुरी तरह से टूटी हुई मिली।

बिना बेस और नींव के सूखी डस्ट से बनाई मिली पीसीसी सड़कें

इसी प्रकार जांच के दौरान सेदहा पंचायत के जिरौही टोला में आदिवासी बस्ती के पास थोक में 5 पीसीसी सड़क निर्माण मिले जिसमें पाया गया कि जिन तकनीकी मापदंडों के अनुसार कार्य होना था वह न होकर यत्र तत्र अन्यत्र मन मुताबिक काम कर दिया गया है। साथ मे पहाड़ी एरिया में बनने के कारण वहां बेस भी नहीं था जबकि तकनीकी स्वीकृति में बेस बनाने का पैसा भी निकाला गया। जहां पीसीसी सड़क की बेस के अतिरिक्त दो ऊपर की लेयर में 1 अनुपात 3 अनुपात 6 कंक्रीट मसाला डाला रहता है वहां जांच के दौरान मात्र सूखी गिट्टी और डस्ट मिली जबकि ऊपरी सतह जहां 1 अनुपात 2 अनुपात 4 का मिक्सर मसाला डाला रहता है वहां घटिया तरीके का मटेरियल मिला जो थोड़ा सा ठोकर मारते ही टूट गया।

यह सब कार्यपालन यंत्री और उपस्थित तीन एसडीओ के समक्ष हुआ जिनके वीडियो भी बनाये गए हैं।

स्कूल परिसर की पीसीसी सड़क को भी भ्रष्टाचारियों ने नहीं छोड़ा

जांच के दौरान जब शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय हिनौती स्कूल परिसर में 14वें वित्त आयोग की परफारमेंस ग्रांट से बनाई गई 2 पीसीसी सड़क की जांच करने अधिकारी पहुंचे तो देखा कि मुख्य मार्ग से लेकर स्कूल के अंदर तक पहुंचने वाली सड़क बीच से 2 टुकड़ों में टूटी हुई है। इस बात को देखकर एक जांच अधिकारी एस आर प्रजापति ने तो यहां तक कहा कि इसकी बस फोटो ले लो इसमें जांच की क्या जरूरत है। यह तो टोटल रिकवरी की श्रेणी में आती है। ऐसे ही तकनीकी जांच के दौरान इन पीसीसी सड़क में न तो नींव देखी और न ही ऊपरी सतह दिखी जो की पूरी तरह से गुणवत्ताविहीन डस्ट और सफेद गिट्टी डालकर बनाई गई।

पौधारोपण के नाम पर घोटाला: सैकड़ों के स्थान पर मात्र मिले 10 या 20 पौधे

ग्राम पंचायत सेदहा में पंचायती कार्य में पौधारोपण का कार्य भी सम्मिलित था। लेकिन जब पौधारोपण के कार्य की जांच हो रही थी तो पाया गया कि मात्र उंगली में गिनने के लिए 10 या 20 पौधे मिले जबकि जांच अधिकारियों को भ्रमित करते हुए गांववालों के द्वारा लगाए गए नीम के पौधे भी पंचायती कार्य को दिखाने के प्रयास किए गए। जिसका ग्रामीण लोगों ने विरोध किया।

स्कूल मरम्मत, शौचालय निर्माण की राशि भी हजम कर गए भ्रष्टाचारी

मामला यहीं तक शांत नहीं हुआ। पंचायती कार्यों की जांच में स्कूल भवन मरम्मत और कन्या शाला के शौचालय निर्माण की भी राशि का जारी होना और निकाला जाना बताया गया था जिसकी जांच के दौरान पाया गया कि कन्या शाला का शौचालय कहीं बना ही नहीं है और जो थोड़ा बहुत बना था उसमें घास फूस और पेड़ों उगे हुए थे जबकी मरम्मत के नाम पर पूरी राशि डकार ली गई और स्कूल की छत से पानी टपक रहा है।

रोजगार सहायक ने अपने घर के परिसर में बनवा लिया चबूतरा, होगी पूरी रिकवरी

32 बिंदुओं की जांच में परफॉर्मेंस ग्रांट 14वें वित्त आयोग की राशि से बनाए गए चबूतरे भी सम्मिलित थे। जांच के दौरान पाया गया की चबूतरों की ऊपरी सतह पूरी तरह से बेकार थी जो बाइक की चाबी से ही खोदने पर उखड़ रही थी। इस विषय पर ग्रामीणों ने कुछ वीडियो भी बनाए। जबकि कार्यपालन यंत्री आर एस धुर्वे का कहना था कि यह सब ठीक है और कॉम्पेक्शन की कमी के कारण टूट रहे हैं। लेकिन सच्चाई यह है कि पूरा काम गुणवत्ताविहीन हुआ और भ्रष्टाचारियों के विरुद्ध कार्यवाही की माग की गई।

एक मजेदार मामला तब सामने आया जब ग्राम पंचायत सेदहा के रोजगार सहायक दिलीप गुप्ता ने अपने पिता रामसजीवन गुप्ता के नाम पर पंचायत का चबूतरा अपने घर के सामने ही बनवा लिया और उसे चारों तरफ से ढककर अब वह प्लेन सरफेस हो चुकी है जो चबूतरा है ही नहीं।

इस विषय पर कार्यपालन यंत्री आर एस धुर्वे का कहना था कि निजी और व्यक्तिगत लाभ के लिए बनाया गया है और इसमें पूरी रिकवरी और कार्यवाही होगी।

पूरे 15 साल पंचायत के दलाल सीएम सिंह की दलाली पर चली सेदहा पंचायत

इस प्रकार सेदहा पंचायत की जांच के दौरान व्यापक स्तर पर अनियमितता और भ्रष्टाचार दिखा जो न केवल रिकॉर्ड में था बल्कि भौतिक धरातल पर भी देखा गया। जांच दर्जनों ग्रामीणों की उपस्थिति में हुई जिसके कई वीडियो और फोटो उपलब्ध हैं। जांच में स्पष्ट तौर पर देखा जा सकता है कि किस प्रकार से जनता के विकास कार्य के लिए जनता के टैक्स के पैसे से आने वाली राशि का सहायक यंत्री, उपयंत्री, सीईओ जनपद और पंचायत के सरपंच सचिव रोजगार सहायक मिलकर चूना लगा रहे हैं। ग्रामीणों के द्वारा बताया गया कि पिछले 15 वर्ष से अधिक समय से ग्राम पंचायत सेदहा में चिंतामणि सिंह उर्फ सीएम सिंह नामक एक दलाल ग्राम पंचायत के सभी कार्यों पर अधिपत्य जमाए हुए था जो सेदहा ग्राम पंचायत के सरपंचों को अपने कब्जे में रखता था और पंचायती विकास कार्य के लिए आने वाली राशि पंचायत के विकास में न लगाकर अपनी निजी हित के लिए उपयोग करता था। ग्रामीणजनों द्वारा बताया गया कि उसके पास आय से अधिक संपत्ति भी है और रीवा में कई फ्लैट बोलेरो फोर व्हीलर गाड़ी और चल अचल संपत्ति भी इसी दलाली और पंचायती भ्रष्टाचार से अर्जित किया हुआ है। लोगों ने कहा की इन दलालों की समस्त चल अचल संपत्ति की जांच ईओडब्ल्यू से होनी चाहिए और पंचायत की दलाली प्रथा बंद होनी चाहिए । पंचायत पंचायती राज व्यवस्था का नाम है जहां स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से प्रत्येक ग्रामीणजन की आवाज सुनी जा कर जनता के टैक्स के पैसे से विकास के लिए आने वाली राशि का सदुपयोग किया जाए और सार्वजनिक कार्य में लगाया जाए। किसी भी प्रकार से दलाली प्रथा को स्वीकार नहीं किया जाएगा। इस विषय पर सेदहा ग्राम पंचायत के गणमान्य नागरिक राजमणि सिंह परिहार, दिलराज सिंह, राजबली सिंह, संजय सिंह, रितेश सिंह, अरुण सिंह, मनोज सिंह, जयप्रकाश त्रिपाठी, नंदलाल कोल आदि ने संपूर्ण रिकवरी और दोषियों के विरुद्ध एफ आई आर दर्ज करवाए जाने की मांग की है।

ग्रामीणों ने कहा है कि यदि जांच रिपोर्ट में कोई गड़बड़ी की जाती है तो इसको विरुद्ध उग्र आंदोलन करेंगे और सीईओ जिला पंचायत और कलेक्टर के समक्ष धरना करेंगे।

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