SSMBM ने CEO से की मुलाकात, SIR की खामियों पर जताई गंभीर चिंता

छत्तीसगढ़ SIR सचेतन मताधिकार बचाओ मोर्चा (SSMBM) की टीम आज मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (CEO) श्री यशवंत कुमार से मिली और राज्य में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के दौरान जमीनी स्तर पर लोगों को हो रही परेशानियों व प्रक्रिया में दिखाई दे रही गंभीर अनियमितताओं के बारे में विस्तार से अवगत कराया। टीम ने कहा कि वर्तमान समयसीमा अव्यावहारिक है और दूरस्थ आदिवासी क्षेत्रों में BLO द्वारा गणना प्रपत्रों का वितरण अभी भी अत्यंत धीमा है।
प्रतिनिधियों ने यह भी बताया कि BLOs को पर्याप्त प्रशिक्षण नहीं मिला है, दिशा-निर्देश स्पष्ट नहीं हैं, और कई स्थानों पर अनावश्यक दस्तावेज़ माँगे जा रहे हैं, जिससे नागरिकों में भ्रम की स्थिति बनी हुई है। उन्होंने यह चिंता भी जताई कि बस्तर संभाग के 3,128 शिक्षकों को SIR ड्यूटी में लगाए जाने से बच्चों की पढ़ाई और परीक्षाओं पर गंभीर असर पड़ रहा है। इसके अलावा धान कटाई के चरम समय में यह प्रक्रिया चलने से ग्रामीणों और किसानों के लिए इसमें भाग लेना बेहद कठिन हो रहा है।
SSMBM ने आधार कार्ड स्वीकार करने में BLOs की उलझन, महिलाओं और आदिवासी समुदाय के सीमित दस्तावेज़, 2003 की non-searchable मतदाता सूची के कारण नाम ढूँढने में आ रही मुश्किलें, तथा रंगीन फोटो अनिवार्यता से ग्रामीणों पर पड़ रहे आर्थिक बोझ जैसे गंभीर मुद्दे भी CEO के सामने रखे। मोर्चे ने SIR की समयसीमा बढ़ाने, दस्तावेज़ों की सूची व्यापक करने, स्पष्ट दिशानिर्देश जारी करने, searchable PDF उपलब्ध कराने और BLO द्वारा नि:शुल्क फोटो लेने जैसी माँगें कीं।
बैठक के दौरान CEO श्री यशवंत कुमार ने कहा कि निर्वाचन कार्यालय अपनी पूरी क्षमता से कार्य कर रहा है और उन्होंने SSMBM के जन-हितकारी प्रयासों की सराहना की। उन्होंने यह भरोसा दिलाया कि यदि किसी मतदाता का नाम अभी की सूची में शामिल नहीं हो पाता है, तो अंतिम प्रकाशन के बाद पूरा दो महीने आपत्ति, सुधार और नाम जोड़ने के लिए उपलब्ध रहेंगे, ताकि कोई भी वैध मतदाता मताधिकार से वंचित न हो। प्रतिनिधिमंडल में कलादास डहरिया, अध्यक्ष छत्तीसगढ़ पीयूसीएल, कल्याण पटेल ( छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा) मजदूर कार्यकर्ता समिति, आलोक शुक्ला, छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन, संतोष कुशवाहा, प्रदेश सचिव आम आदमी पार्टी, नीरा डहरिया, पवन सक्सेना आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे ।
SSMBM का संकल्प है कि वह छत्तीसगढ़ के हर नागरिक के मताधिकार की रक्षा के लिए निरंतर संघर्ष करता रहेगा और किसी भी व्यक्ति को लोकतांत्रिक अधिकारों से वंचित नहीं होने देग।





